आंवला प्रकृति का एक अद्भुत वरदान है। भारतीय चिकित्सा पद्धति में आंवला एक अति गुणकारी फल माना गया है। इसका उपयोग हमारे देश में प्राचीनकाल से ही होता आया है। सभी जगह उपलब्ध यह एक सस्ता फल है। आंवले में सारे रोगों को दूर करने की शक्ति है।
आंवले में विटामिन ‘सी’ सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। मनुष्य को प्रतिदिन 50 मि.ग्रा. विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, सूखा आंवला व जामुन की गुठली का समभाग चूर्ण बनाकर प्रतिदिन प्रातः खाली पेट 1 चम्मच चूर्ण गाय के दूध या पानी के साथ लेने से मधुमेह में लाभ होता है।
आंवले का पानी पिलाने या आंवले को पानी में पीसकर मस्तक, तालू तथा नाक पर लेप करने से नाक से खून बहना तुरंत रुक जाता है।सूखे आंवलों को पानी में भिगोकर पीस लें तथा थोड़ा-सा नमक मिलाकर उसकी गोली बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम खाने से दस्त आना बंद हो जाता है। 50 ग्राम आंवले को एक मिट्टी के बरतन में 4 घंटे तक भिगोएं। इस पानी को पीने से प्यास की तीव्रता दूर होगी।
आंवला कद्दूकस कर एक कांच के बरतन में शहद के साथ मिलाकर एक सप्ताह तक धूप में रखें। इसे प्रतिदिन प्रातः तीन चम्मच खाने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। इसको खाने के एक घंटे बाद ही कोई अन्य चीज खाएं।
तीन चम्मच ताजा आंवले का रस, तीन चम्मच शहद, एक कप कुनकुना पानी मिलाकर नित्य पीने से सभी प्रकार के वीर्य विकार दूर होकर शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। आंवला व हल्दी समभाग मिलाकर घी में भूनकर इसके वजन के बराबर मिश्री मिला लें। 1 चम्मच चूर्ण सुबह-शाम गरम दूध के साथ लेने से धातु दौर्बल्य दूर होगा।
पांच तोला आंवले का रस, 2 तोला शहद मिलाकर दिन में दो बार आधा-आधा तोला लें। सात दिन तक सेवन करने से मूत्र खुलकर आएगा। 1 चम्मच आंवले का चूर्ण ताजे पानी के साथ दिन में दो बार लेने से खूनी बवासीर दूर होती है।
सूखा आंवला पीसकर नारियल के तेल में मिलाकर शरीर में मलने से खुजली मिट जाती है। सूखे आंवले का चूर्ण गाय के दूध के साथ खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है। आंवले के रस में पिसी पीपल और शहद मिलाकर खाने से शीघ्र लाभ होता है।
सूखा आंवला, हरड़, पीपल, सेंधा नमक और चिमक की जड़ समभाग पीसकर सेवन करने से सभी प्रकार के ज्वर ठीक हो जाते हैं। सूखे आंवले व ठीक होता है।कातिल शाम को पानी में भिगोकर प्रात: पीसकर आंख में लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है व सभी प्रकार के नेत्र रोगों में लाभ होता है।
1 तोला सूखा आंवला रात को पानी में भिगोकर प्रात: 3 ग्राम सोंठ व 1 ग्राम जीरा मिलाकर पीसकर गोली बना लें। एक गोली 2 तोला मिश्री के साथ खाकर ऊपर से दूध पीने से लाभ होता है। आंवला चबाने से बच्चों का हकलाना व तुतलाना ठीक हो जाता है।
आंवले के रस में कपूर मिलाकर लगाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। 2 चम्मच आंवले का रस, आधा कप शहद में मिलाकर सेवन करें। साथ में दूध भी पीएं भोजन के बाद 1 चम्मच आंवले का चूर्ण लेने से पाचन क्रिया सुधरती है।
2 चम्मच आंवला व काला जीरा पीसकर पांच चम्मच मिश्री मिला दें। आधा चम्मच चूर्ण दिन में 3 बार खिलाएं। सूखा आंवला रात को भिगोकर सुबह इस पानी से सिर धोने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। सूखा आंवला और मेहंदी मिलाकर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।