भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है, उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम इंडिया में बरकरार रखना होता है, क्योंकि टीम के बाहर भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं। भारत के 3 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनका टेस्ट करियर लगभग खत्म हो गया है और उनके लिए भारतीय टेस्ट टीम के दरवाजे भी बंद नजर आ रहे हैं। आइए नजर डालते हैं इन 3 खिलाड़ियों पर।
हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में 11 मैच खेले हैं, जिसमें इन्होंने 31 की औसत से 532 रन बनाए हैं और साथ ही 3.38 की इकॉनमी से 17 विकेट चटकाए हैं. पिछले लंबे समय से गेंदबाजी नहीं करने के कारण और टी20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन की वजह से हार्दिक पांड्या की सेलेक्टर्स ने टीम इंडिया से छुट्टी कर दी थी। यह सब देखकर तो लगता है कि पांड्या का वनडे और टेस्ट करियर भी खत्म होने की कगार पर है। कुछ लोग मान रहे हैं कि पांड्या बैक इंजरी से जूझ रहे हैं, जिस कारण वह टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी नहीं कर सकेंग। पांड्या 2018 के बाद टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा नहीं हैं।
शिखर धवन
35 साल के शिखर धवन को टीम इंडिया का बड़ा मैच विनर माना जाता था, लेकिन अब रोहित शर्मा ही शिखर धवन के टेस्ट करियर के बीच सबसे बड़ी रुकावट बन गए हैं। रोहित शर्मा ने अपने ही जिगरी दोस्त शिखर धवन का टेस्ट करियर खत्म कर दिया। सेलेक्टर्स शिखर धवन को लंबे समय से टेस्ट टीम में मौका ही नहीं दे रहे। रोहित शर्मा के टेस्ट कप्तान बनने के बाद उन्हें ओपनिंग पोजीशन से हटाना मुश्किल है। रोहित शर्मा के साथ अब टेस्ट टीम में बतौर ओपनर या तो केएल राहुल को मौका मिलता है या फिर मयंक अग्रवाल को मौका मिलता है। शिखर धवन के लिए अब टेस्ट टीम के दरवाजे बंद हो गए। सभी ने शिखर धवन से मुंह मोड़ लिया है. टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो धवन ने आखिरी बार साल 2018 में भारत के लिए लाल गेंद की क्रिकेट खेली थी। शिखर धवन के आंकड़ों को देखा जाए तो वह क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में अव्वल खिलाड़ी दिखाई देते हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी शिखर ने 34 मैच में 41 की औसत से 2300 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें इन्होंने शानदार 7 शतक लगाए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं ने धवन का सही आंकलन नहीं किया है। धवन ने टीम इंडिया के लिए 34 टेस्ट मैचों में 2315 रन, 149 वनडे मैचों में 6284 रन बनाए और 68 टी20 मैचों में 1759 रन बनाए हैं।
भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार ने साल 2012 में जब करियर की शुरुआत की थी, तब स्विंग उनकी ताकत थी और आज भी उनकी यही ताकत है, लेकिन हाल ही में उनका प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। भुवनेश्वर टेस्ट क्रिकेट में अपनी स्विंग गेंदबाजी साबित भी कर चुके हैं, लेकिन बदकिस्मती से भुवी चोटों के चलते कई बार टीम से अन्दर-बाहर होते रहे हैं। 2018 में लगी चोट के कारण भुवी टेस्ट क्रिकेट जैसे लम्बे फॉर्मेट से दूर होते चले गए और तब से एक भी टेस्ट में इन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। अब स्पष्ट है कि भुवी के लिए टेस्ट क्रिकेट समाप्त हो चुका है। भुवनेश्वर कुमार ने भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट खेले हैं। भुवनेश्वर कुमार ने भारत के लिए 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 121 वनडे मैचों में 141 विकेट और 57 टी20 मैचों में 55 विकेट हासिल किए हैं, वह पिछले तीन साल से टीम इंडिया की टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। वहीं, टी20 वर्ल्ड कप 2021 में उनकी घटिया गेंदबाजी के लिए कुमार की आलोचना हुई थी। टेस्ट मैचों के बाद अब वनडे और टी20 टीम से भी उनका पत्ता कटना तय नजर आ रहा है। भुवनेश्वर कुमार अब गति खो चुके हैं, शुरुआत में उसके पास सटीकता थी, जहां वह गेंद को स्विंग करके विकेट ले रहे थे, लेकिन अब आ रहे हैं और गेंदबाजी कर रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें उस सटीकता को खो दिया है।