हर कान की बीमारी और सुनने की समस्या के लिए आयुर्वेदाचार्य से प्राप्त करें 100% प्रभावी घरेलू उपचार

ना सुन पाने के कई कारण हो सकते है। कभी बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या होती है, इसलिए जानिए इस समस्या को दूर करने के उपचार। एक्यूप्रेशर के माध्यम से भी सुनने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कानों के ऊपरी भाग को दो उंगलियों के सहारे धीरे धीरे मोड़ें और ऐसा कम से कम पचास बार करना चाहिए। ऐसा करने से सुनने की क्षमता बढ़ती है क्योंकि गुर्दे और कान के बीच एक लिंक होता है इससे उस पर प्रभाव पड़ता है।

प्याज सुनने की क्षमता के लिए एक अच्छा विकल्प है। ऐसे में आप गर्म प्याज का उपयोग भी कर सकते हैं। आप प्याज को पंदर मिनट तक गर्म करें और पाच मिनट के लिए उसे कानों पर रखिए, इससे सुनने की क्षमता बढ़ जाती है। सरसों के तेलसे भी कम सुनने की समस्या को दूर किया जाता है। ऐसे में आप शहद और सरसों के तेल को मिलाएं और इसकी बूंदों को कान में दिन में दो से तीन बार डालें। ऐसा करने से सुनने की क्षमता में सुधार आता है।

बादाम खासकर कड़वे बादाम सुनने की क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। यह कई लोगों द्वारा प्रमाणित किया गया है कि उन्होंने बादाम का प्रयोग किया और उनके सुनने की समस्या में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। इसके लिए बादाम का सेवन करें या फिर कड़वे बादाम का तेल कानों में प्रतिदिन दो बार डालने से आराम मिलता है।

;दालचीनी और शहद का एक साथ उपयोग काफी फायदेमंद होता है। यह आपके कम सुनने की समस्या में बहुत लाभदायक है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी मिलाकर प्रतिदिन सुबह सुबह पिएं। आप दालचीनी के तेल को भी रात को सोने से पहले अपने कानों में डाल सकते है।

अदरक सबसे उपयोगी जड़ी बूटियों में से एक है। इसका उपयोग कई रोगों के इलाज में किया जाता है। कम सुनने की समस्या या बहरेपन के उपचार में भी यह फायदेमंद है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में अदरक को पाच मिनट के लिए उबाल कर प्रतिदिन तीन बार अदरक की चाय का सेवन करें या फिर आप अदरक के रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर कुछ बूंदे प्रतिदिन दो बार कानों में डालें। कम सुनने की समस्या के उपचार में टी ट्री ओयल काफी उपयोगी होता है। टी ट्री ओयल की मालिश रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करती है।

कानों में टी ट्री ओयल की कुछ बूंदे प्रतिदिन दो बार डालें। यह आपके सुनने की समस्या को दूर करता है। कानों के संक्रमण के उपचार और सुनने की क्षमता में सुधार करने में नीम काफी उपयोगी माना जाता है। नीम तेल का उपयोग आप अपने कानों में ड्रॉप के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए हर दिन दो से तीन बूंद नीम का तेल अपने कानों में डालें। आप नीम के पत्तों का उपयोग भी कर सकते हैं। इसके लिए नीम के पत्तों को दस मिनट के लिए पानी में उबालें और अपने कान धोने के लिए इसका इस्तेमाल करें।

कम सुनने की समस्या में अश्वगंधा काफी अच्छी होती है। अश्वगंधा हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है। अश्वगंधा के हमारे शरीर के लिए कई लाभ हैं जो इसे बहुत उपयोगी बनाते हैं। इसके लिए हर दिन एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म पानी या दूध के साथ लेना चाहिए। मर्जोरम का उपयोग कानों में रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है।

सुनने की समस्या में यह बहुत लाभदायक है। मर्जोरम की सूखी जड़ी बूटी को एक गिलास पानी में पाच मिनट के लिए उबाल लें। फिर इसका प्रतिदिन दो बार सेवन करें। इस जड़ीबूटी का अधिक सेवन बिलकुल ना करें। ये घरेलू उपचार करने चाहिए जो आपकी कम सुनने की समस्या के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकते हैं।