वजन घटाने और हाजमा सही करने के चक्कर में ज्यादा न करें अजवाइन का सेवन, हो सकते हैं नुकसान

अजवाइन की खुराक का अधिक सेवन ज्यादा लंबे समय बाद स्किन संवेदनशीलता का कारण बन सकता है जिसकी वजह से सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया कर सकती है। जो महिलाएं अपनी गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन करती हैं उन्हें थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। इसका अधिक सेवन शरीर में गर्मी के लेवल को बढ़ा देता है जिसकी वजह से स्थिति गंभीर हो सकती हैं।

अजवाइन में मौजूद थाइमोल व गामा टेरपीन, मतली और चक्कर का कारण बन सकते हैं। दोनों की अधिक खुराक लिवर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। अजवाइन का पानी कई मायनों में फायदेमंद है। लेकिन इसका ज्यादा उपयोग शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे गैस की समस्या होने लगती है। यही नहीं मल और कठोर व सख्त हो सकता है। यदि थोड़ी बहुत कब्ज की शिकायत है तब तो इसका सेवन फायदेमंद है। लेकिन इसका अधिक सेवन कब्ज की शिकायत को और बढ़ावा दे सकता है।

जिन लोगों को अजवाइन से एलर्जी होती है उनको सर्दी, रैशेज या पित्त हो सकता है। इसलिए अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले टेस्ट ज़रूर कर लें। यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है जो बाद में स्किन कैंसर होने का कारण भी बन सकता है। अजवाइन को भोजन की मात्रा के रूप में (एक दिन में 10 ग्राम से अधिक नही) लेना सुरक्षित है। अजवाइन की अतिरिक्त मात्रा दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है जैसे – पेट की गैस, जलन का अहसास, मुँह में छालें आदि। पेट में अल्सर, आंतरिक रक्तस्राव, अल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगों में अजवाइन का सेवन करना हितवह नहीं है।

अजवाइन का प्रयोग पाचन को दुरुस्त करने के लिए किया जाता है, लेकिन दूसरी और अजवाइन अधिक सेवन सीने की जलन या जठरांत्र के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है। अजवाइन को यदि पानी के साथ लिया जाता है, तो यह हृदय गति को बढ़ा सकती है। जिससे दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं और रक्तचाप भी बढ़ जाता है। ये दिल की विभिन्न बीमारियों का कारण भी बन सकती है। लिवर संबंधित बीमारियों, डायवर्टीकुलिटिस की स्थिति और अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए, अन्यथा यह उन समस्याओं को और बढ़ा सकती है।

अजवाइन में थाइमोल नाम का कंपाउंड भारी मात्रा में मौजूद होता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से चक्कर आने जैसा महसूस हो सकता है। इसलिए अजवाइन का सेवन सही तरीके और मात्रा में ही करें। अजवाइन का फ्लेवर तीखा होता है। यह फ्लेवर इसमें मौजूद थाइमोल के कारण आता है। अजवाइन में फाइबर भारी मात्रा में पाया जाता है जो डाइजेशन के लिए फायदेमंद होता है। सेहतमंद डाइजेशन से वजन कम होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही अजवाइन से फैट भि बर्न होता है। अच्छे रिजल्ट के लिए कसरत भी करनी चाहिए।

ज़्यादा अजवायन खाने से माउथ अल्सर या मुंह के छालों की समस्या हो सकती है। दरअसल अजवायन खाने से शरीर में गर्मी पैदा होती है, यह गर्मी मुंह में छाले और सीने में जलन भी बढ़ा सकती है। एसिडिटी, ऐसी समस्या है जिससे राहत पाने के लिए लोग अजवायन का सेवन करते हैं। लेकिन ज़्यादा अजवायन खाने से एसिडिटी बढ़ जाती है। हायपर एसिडिटी से परेशान लोगों को उल्टी, ब्लोटिंग और सिर दर्द जैसी परेशानियो का सामना करना पड़ता है।