इस फल के औषधीय गुनके कारण इसे कहा जाता है फलों का राजा, जानिए इसके सेवन से होने वाले लाभ के बारेमे….

आम को उसके गुने के आधार पेही फलों का राजा कहा जाता है। आम जब थोड़ा कच्चा रहता है, तो उसमें विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं, जब यह पक जाता है, तो इसमें विटामिन-ए की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसे गर्मियों में आम खाना पसंद नहीं होगा।

दुनिया भर में अन्य फलों की तुलना में सबसे ज्यादा आम खाया जाता है। अगर आपको भी आम कहना पसंद है तो जानिए इसके सेवन से क्या क्या लाभ हो सकते है। इसलिए हम आपको बताएंगे कई आम खानेसे क्या लाभ होते है। जानने के लिए इस लेख को पूरा पढे।

जिन लोगों को भूलने की बीमारी हो उन्हें आम का सेवन करना चाहिए। इसमें पाया जाने वाला ग्लूटामिन एसिड नामक एक तत्व स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इससे रक्त कोशिकाएं भी सक्रिय होती हैं। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को आम खाने की सलाह दी जाती है।

आम में ऐसे कई एंजाइम्स होते हैं जो प्रोटीन को तोड़ने का काम करते हैं। जिससे भोजन जल्दी पचता है। साथ ही इसमें उपस्थित साइर्टिक एसिड, टरटैरिक एसिड शरीर के भीतर क्षारीय तत्वों को संतुलित बनाए रखता है। मोटापा कम करने के लिए भी आम एक अच्छा उपाय है। आम की गुठली में मौजूद रेशे शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। आम खाने के बाद भूख कम लगती है, जिससे ज्यादा खाने का खतरा कम होता है।

आम का नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर को नियंत्रित रहता हैं। आम में उच्च मात्रा में मौजूद विटामिन सी, पेक्टिन और फाइबर कोलेस्ट्रॉल, विशेष रूप से ‘खराब’ एल.डी.एल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक बनाता है। इसके अलावा यह रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में भी मदद करता है। यही नहीं आम ‘अच्छा’ एच.डी.एल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मददगार साबित है।

आम हमारी आँखों के लिए भी उत्तम आहार में से एक माना जाता है। आम में उच्च मात्रा में मौजूद विटामिन ए नेत्र स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। विटामिन ए अच्छी दृष्टि को बढ़ावा देता है और रतौंधी, मोतियाबिंद, धब्बेदार अध: पतन, शुष्क आँखें, मुलायम कॉर्निया और सामान्य नेत्र असुविधा जैसे विभिन्न आंख से संबंधित विकारों से आँखों की रक्षा करने मे मदद करता है।

आम में समाविष्ट विटामिन सी और ए की उच्च एवं अच्छी मात्रा रोगप्रतिकारक शक्ति को स्वस्थ और मजबूत रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका विटामिन ए भी इम्यून सिस्टम की कार्यशीलता को उत्तेजित करने के लिए आवश्यक माना जाता है।

यह त्वचा और मेम्ब्रेन के स्वास्थ्य को बनाये रखता है जिससे विभिन्न हानिकारक बैक्टीरिया के खतरे को कम किया जा सकता है। विटामिन सी त्वचा को स्वस्थ रखता है और संक्रमक कणों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा देता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है जिससे हमारी रोगप्रतिकारक शक्ति और भी मजबूत हो जाती है।

आम के स्वास्थय लाभों में कैंसर से लड़ने की क्षमता शामिल है। आम में उपस्थित एंटी-कैंसर और एंटीऑक्सीडेंट यौगिक पेट, स्तन, फेफड़े, त्वचा, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ रक्षा प्रदान करता हैं। आम में कैंसर कई कोशिकाओं की शरीर से बहार निकलनेमे में मदद करता हैं।

आम, जामुन, महुआ के कोमल पत्तों को थोडा सा कुटकर दस ग्राम मिश्रण को चालीस ग्राम तिल के तेल में देर तक पकायें जब मिश्रण जल जाये तो तेल को छांनकर शीशी में भरकर रखें, इस तेल को हल्का गरम कर बून्द-बून्द कान में डालने से कान का दर्द और कान से खून निकलना भी बंद हो जाता है।

आम की गुठलीयों को पनि से साफ करके सुखाकर रखें, फिर इन गुठलीयों को आग में जलाकर भस्म बना लें, भस्म बनाने के लिए मिटटी के पात्र का इस्तेमाल करना चाहिए। भस्म को पीसकर एक ग्राम मात्रा में लेकर इसमें लहसून के रस की 2-3 बूंदे और मध मिलाकर चाटने से काली खांसी नष्ट होती है।

आम के पत्तों को सुखने पर उन्हें मिटटी के पात्र में रखकर आग पर तेज गर्म करके भस्म बना लें उस भस्म को पीसकर जले हुए अंग पर लगाने से बहुत लाभ होता है। आम की गुठली भस्म को पनि के साथ पीसकर आग से जले भाग पर लेप करने से जलन एवं पीड़ा कम होती है।