आयुर्वेद की इस जड़ी-बूटी का करें इस्तेमाल, पित्त के हर रोग से छुटकारा पाने के लिए यहां पढने के लिए यह क्लिक करे

सीताफल को संस्कृत में गण्डमात्र, वैदेहीवल्लभ, कृष्णबीज इत्यादि कहते हैं। सीताफल के विषय में सभी जानते हैं। यह भारतवर्ष में सभी जगह पाया जाता है। सीताफल स्वाद में मीठा, स्वादिष्ट तथा स्वभाव से शीतल होता है।

यह हृदय को हितकारी, बलवर्धक, वातकारक, कफकारक, स्वादिष्ट, पौष्टिक और पित्तनाशक होता है।
इसका फल मांसपेशियों को दृढ़ करने वाला, हृदय के लिए उपशामक, पित्त को नष्ट करने वाला और वमन को शान्त करने वाला होता है।

इसकी जड़ विरेचक होती है। इसके बीज पचने में भारी, ज्वर और विस्फोटक को पैदा करने वाले, गर्भधारक व आंख में व्रण को पैदा करने वाले होते हैं। इनको बालों में लगाने से ये सिर की जुओं को मार देते हैं। इनका रस कभी भी आंखों में नहीं जाना चाहिए।

इसके पत्तों को कुचलकर, उसमें नमक मिलाकर, उनका पुल्टिस बनाकर फोड़ों को पकने के लिए उन पर बांधा जाता है। इसके बीजों का लेप करने से घाव बगैरह के कीड़े मर जाते हैं। इसके कच्चे फल को सुखाकर, पीसकर, चने के आटे में मिलाकर खिलाने व लेपन करने से कीड़े मर जाते हैं।

पके हुए सीताफल को कूटकर उसमें नमक मिलाकर बांधने से दुष्ट वायु, जल और पृथ्वी से पैदा हुई सांघातिक गठानें जल्दी पककर फूट जाती हैं। इसके पत्तों की हिम या फांट से गुदा धोने से बच्चों को कांच निकलना बन्द हो जाता है।

इसके बीजों को पीसकर गर्भाशय के मुंह पर लगाने से बालक सुख से पैदा हो जाता है। सीताफल के पत्तों को पीसकर उनकी टिकिया बनाकर बांधने से नारू बाहर निकल आता है। इसके गीले पत्तों की टिकड़ी बनाकर बिगड़े हुए फोड़ों पर बांधने से वे अच्छे हो जाते हैं।

सीताफल के पत्ते, तम्बाकू और बिना बुझे हुए चूने को पीसकर, जिन घावों में कीड़े पड़ जाते हैं उन पर लेप करते हैं। सीताफल की छाल का क्वाथ पीने से ज्वर छूटता है। इसके बीजों की मगज को पीसकर, कपड़े की बत्ती में रखकर उस बत्ती को जलाकर, उसका धुआं नाक में पहुंचाने से मिरगी के दौरे के समय में लाभ होता है।

अगर आप अपने वजन से परेशान है, तो इसमे सीताफल मदद कर सकता है, कम वजन होने का एक कारण यह भी है कि शरीर को जितनी ऊर्जा प्राप्त होती है, उससे कहीं ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है। वहीं, सीताफल को एक बेहतर ऊर्जा स्रोत वाले फल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है

अस्थमा मे लिए सीताफल के प्रयोग से कुछ हद तक राहत मिल सकती है हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए भी सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। कयुकि सीताफल में विटामिन-बी6 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है इससे सीताफल फायदेमंद हे

अगर आप पाचन प्रक्रिया को बेहतर रखना चाहते है, तो इस स्थिति में भी सीताफल काम आ सकता है। सीताफल खाने के फायदे में फाइबर की पूर्ति भी शामिल है। वहीं, फाइबर की पूर्ति शरीर की पाचन क्रिया में भी सुधार करती है और साथ ही यह कब्ज की समस्या से भी लोगों को छुटकारा दिलाती है

प्रेगनेंसी की स्थिति में भी सीताफल में मौजूद पोषक तत्व के फायदे हो सकते हैं। सीताफल में आयरन व फोलेट की मात्रा पाई जाती है ये पोषक तत्व गर्भावस्था में एनीमिया को रोकने और न्यूरल ट्यूब बच्चों की रीढ़ और मस्तिष्क में जन्म के समय से मां को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं