बिना डॉक्टर के थायरॉइड की गंभीर समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने में 100% कारगर है ये आयुर्वेदिक इलाज

आजकल बिगड़ी जीवनशैली के कारण खासकर मोटापे की परेशानी होती है, और जब मोटापा बढ़ता है, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती है। उन्हीं परेशानियों में से एक है थायराइड। इसी लिए हम आपको थायराइड को रोकने के लिए केसे आहार का सेवन करना चाहिए उसके बारे मे बताने वाले है, तो जानने के लिए पढिए ये पूरा लेख।

लोगों मे कई बार आयोडीन की कमी या जरूरत से ज्यादा आयोडीन का सेवन भी हाइपोथायराइड का कारण बन सकता है। ऐसे में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – दही को भी हाइपोथायरायडिज्म आहार में शामिल किया जा सकता है। थायराइड में बेझिक दही कहना चाहिए।

हाइपोथायरायडिज्म की वजह से हड्डियां कमजोर हो सकती है या फ्रैक्चर भी हो सकता हैं। इसके अलावा, विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी भी हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकती है। इसलिए, अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – दूध एवं दूध से बनी चीज़ को शामिल करना चाहिए।

थायराइड के लिए अलसी के बीज आयुर्वेदिक उपाय का काम कर सकते हैं। अलसी में मौजूद ओमेगा तीन फैटी एसिड हायपोथायरॉडिज्म के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। ऐसे में इसका सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।

ब्लूबेरी, टमाटर, बेल मिर्च, और एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध अन्य खाद्य पदार्थ सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करने की योग्यता रखते हैं और थायराइड ग्रंथि के लिए भी लाभदायक साबित होते हैं। विटामिन बी के उच्च स्तर वाले साबुत अनाज (अन्य आहार) भी थायराइड ग्रंथि को स्वास्थ्य रखने में मदद्रूप साबित होते हैं।

फल और सब्जियां, फाइबर से समृद्ध होती हैं, और शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम और फोलेट प्रदान करती हैं। थायराइड ग्रंथि को स्वास्थ्य रखने के लिए फल और सब्जियां में ब्लूबेरी, खरबूजे, पालक, सेब, संतरे, पत्तेदार सब्जी, ब्रोकोली, गाजर और गोभी आदि शामिल करनी चाहिए।

सोयाबीन और सोया समृद्ध खाद्य पदार्थों में उपस्थित फाइटोएस्ट्रोजन, उन एंजाइम की क्रियाशीलता में रूकावट डाल सकता है जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करते है। सोया की अधिक खुराक का सेवन करने वाली महिलाएं हाइपोथायरायडिज्म का अधिक शिकार बन सकती हैं।

हाइपोथायरायडिज्म आहार में साबुत अनाज को भी शामिल करना जरूरी है। यह जिंक का अच्छा स्त्रोत होता है और जिंक की कमी के कारण भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। थायराइड ग्रंथि के सही तरीके से काम करने के लिए जिंक जरूरी हो सकता है। ऐसे में ब्राउन राइस भी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

हाइपोथायराइड या थायराइड के लिए सेलेनियम भी एक मुख्य पोषक तत्व है। यह निष्क्रिय थायराइड हार्मोन में सुधार या परिवर्तन कर उन्हें सक्रिय करने में मदद कर सकता है। ब्राजील नट युक्त सप्लीमेंट्स थायराइड हार्मोन के स्तर में सुधार करने में सहायक साबित हो सकते हैं।

थायराइड के लिए भोजन में सेलेनियम युक्त ब्राजील नट्स शामिल करना उपयोगी माना जाता है। नट्स में आप अधिक मात्रा में अखरोट और बादाम का भी सेवन कर सकते है। यह आयोडीन का बहुत ही अच्छा स्त्रोत होता है। जो कि आपको आवश्यक पोषक तत्व तो देता ही है, इसके साथ ही थायराइड ग्रंथि को हेल्दी रखने में भी मदद्रूप साबित होता है।

अधिक ग्रीन टी का सेवन थाइराइड में नुकसानदायक साबित हो सकता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एंटी-थाइराइड एजेंट की तरह काम कर सकता है, जो हार्मोन के निर्माण को कम करता है। इसलिए, थाइराइड में परेशानी हो सकती है। जैसे कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि हाइपो में थायराइड हार्मोन बनना कम या बंद हो जाते हैं। ऐसे में हाइपोथायराइड में ग्रीन टी का सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है।