देखिये नीम करौली बाबा को : फेसबुक बेचने वाले थे मार्क जुकरबर्ग, लेकिन इन बाबा के आशीर्वाद से बदल गई किस्मत

भारत में उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यह देवताओं की भूमि है जहां बड़े-बड़े धार्मिक स्थल और ज्योतिर्लिंग मौजूद है. उत्तराखंड और अल्मोड़ा को जोड़ती सड़क पर स्थित है नीम करोली बाबा का आश्रम, जो एक शांत और बेहद खूबसूरत स्थान पर स्थित है। स्थानीय लोग इस आश्रम को कैंची धाम के नाम से भी जानते हैं।

निम करोली बाबा हैं जिनके सानिध्य में आने के बाद स्टीव जॉब्स और मार्का जुकरबर्ग अरबतियों की लिस्ट में शुमार हुए। एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने स्वयं इस घटना के विषय में बताया था कि जब उनकी कंपनी बुरे दौर में गुजर रही थी तब किसी ने उन्हें नीम करोली बाबा के आश्रम में जाने की सलाह दी थी।

स्टिव जॉब्स ने ही फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को नीम करोली बाबा के आश्रम जाने के सलाह दी थी। इन दोनों के अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जुलिया रोबर्ट्स भी कैंची धाम आई थी, यहाँ आने के बाद उन्होने हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था।

स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग के आध्यात्मिक गुरु नीम करोली बाबा है नीम करोली जगह नैनीताल से 25 किलोमीटर आगे है जिसे नीम करोली बाबा धाम के नाम से जाना जाता है जहां पर कम्बल का प्रसाद चढ़ता है अभी भी मार्क जुकरबर्ग प्रत्येक वर्ष नीम करोली बाबा धाम पर आते हैं,और वहां पर कम्बल का प्रसाद चढ़ाकर बाबा से आशीर्वाद लेकर जाते हैं। नीम करौली धाम के बारे में आप ज्यादा जानकारी गूगल पर सर्च कर सकते हैं मंदिर का, धाम का,और नीम करोली बाबा,का फोटो भी देख सकते हैं।

बहुत से लोग बाबा को स्वयं पवनपुत्र हनुमान का ही स्वरूप मानते हैं। यह भी कहा जाता है कि नीमा करोली बाबा कोई साधारण संत नहीं थे बल्कि उनके भीतर बजरंगबली का स्वरूप देखा जाता था। वर्ष 1973 में बाबा ने अपने प्राणों का त्यागा कर दिया था लेकिन उनकी ऊर्जा को अभी भी महसूस किया जा सकता है।

कहा जाता है केवल 17 वर्ष की आयु में ही उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। उन्हें वृन्दावन में महाराज जी और चमत्कारी बाबा के नाम से जाना जाता था। वृन्दावन में हे उन्होंने देह त्याग किया था। माना जाता है नीम करोली बाबा अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा के आधार पारा कहीं भी, किसी भी समय अपने भक्तों के बीच आ भी सकते हैं और अचानक गायब भी हो सकते हैं।