माइग्रेन, दिमागकी बीमारियों और सिर दर्द की दवा से भी ज्यादा असरदार है ये आयुर्वेदिक इलाज

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजी कंडीशन है, जिसमें सिर के एक हिस्से में काफी ज्यादा दर्द महसूस होता है। माइग्रेन की परेशानी कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक प्रभावित कर सकती है। आज हम आपको इस दर्द को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय बताने वाले है, इसस लेख के द्वारा आप जानिए माइग्रेन की समस्या को केसे दूर किया जा सकता है।

माइग्रेन के दर्द से राहत पाने का मसाज एक सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। जब भी सिर में तेज दर्द का एहसास हो तो ऑयल को हल्का सा गर्म करके उससे सिर की मसाज करें। दरअसल, मसाज करने से सिर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है, जिसके कारण सिरदर्द से आराम मिलता है।

अगर सिर में तेज दर्द का एहसास हो तो आप दालचीनी को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं। अब इस लेप को अपने माथे पर लगाएं। इससे दर्द मे काफी राहत महसूस होती है। दालचीनी माइग्रेन की समस्या मे बोहट फायदेमंद साबित होती है।

अदरक शरीर के किसी भी भाग के दर्द को दूर करने में मददगार साबित हुआ है। माइग्रेन का दर्द होने पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए अदरक डालकर चाय बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। चाहें तो अदरक का टुकड़ा भी मुंह में भी रख सकते हैं या फिर इसे शहद के साथ मिक्स करके भी उपयोग कर सकते है।

अंगूर का रस भी माइग्रेन के दर्द को दूर करने का एक प्रभावी घरेलू उपचार है। अंगूर के रस में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन के दर्द को दूर करते हैं। इसके लिए आप अंगूर को लेकर उसका रस निकालें और इसका ताजा ही सेवन करने से फायदा होता है।

चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक आदि लेने से सिर मे दर्द होता है इसलिए इसके सेवन से बचें। इन्हें लेने से माइग्रेन बढ़ सकता है। एल्कोहल और चॉकलेट के सेवन से भी भी सिरदर्द होता है। बेहद तेल-मसाले वाला खाना और उपवास भी माइग्रेन की परेशानी बढ़ाते हैं, इसका ध्यान रखे।

माइग्रेन की वजह से सूजी मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए आइस पैक काफी फायदेमंद साबित होता है। एक साफ टॉवल में आइस के कुछ टुकड़े रखें और उससे सिर, माथे और गर्दन के पीछे दस-पंदर मिनट सिकाई करें। पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे आइस पर डालने से असर जल्दी होता है। जब भी जरूरत लगे, इसका इस्तेमाल करनेएस आराम मिलता है।

सभी तुलसी के प्राकृतिक गुणों से परिचित है लेकिन तुलसी का तेल माइग्रेन के दर्द में भी काफी प्रभावशाली साबित होता है। तुलसी के तेल का इस्तेमाल करने से माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है। तुलसी का तेल मांसपेशियों को आराम देता है जिससे तनाव कम होता है और दर्द से राहत भी मिलती है।

धनिया का उपयोग प्राचीन काल से ही सिरदर्द और माइग्रेन की दवा के रूप में किया जाता है। धनिये के बीजों से तैयार चाय माइग्रेन में काफी लाभकारी मणि जाती है। ओर जिन्हें माइग्रेन के तेज दर्द में कॉफी पीने से तुरन्त राहत मिलती है, कॉफी में मौजूद कैफीन माइग्रेन में एडेनोसाइन के प्रभाव को कम करता है।

माइग्रेन में फैट फ्री दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेत है। दूध में विटामिन बी पाया जाता है। जो सेल्स को एनर्जी देने का काम करता है। कई बार ऐसा होता है कि दिमाग की नसें सुस्त पड़ जाती हैं और माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है, ऐसे में विटामिन बी उन्हें एनर्जी देने का काम करता है।

अंगूर में कई डायटरी फाइबर, विटामिन ए और सी और जरूरी कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाते हैं, जो माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने मे मदद करते है। इसके लिए कुछ अंगूर के दानों को पानी के साथ ब्लेंड कर लीजिए और दर्द होने पर दिन में दो बार इसका सेवन करने से आराम मिलता है।