गहरे समंदर में शोधकर्ताओं को अजीब तरह के पत्थरों की बनावट दिखी है जो एक खड़ंजे की तरह है। ये प्रशांत महासागर में पापहानामोकुकेया समुद्री राष्ट्रीय स्मारक में लिलिउओकलानी रिज में मिली है। PMNM अमेरिका में है जो दुनिया के सबसे बड़े समुद्री संरक्षण क्षेत्र में से एक है। ये इतना बड़ा है कि शोधकर्ता इसके तल का सिर्फ तीन फीसदी ही खोज सके हैं।
अटलांटिस एक काल्पनिक शहर
पुरातत्वविदों को गहरे समंदर में पीले ईंटों वाली खड़ंजानुमा सड़क मिली है। इसे अब अटलांटिस जाने का रास्ता माना जा रहा है। अटलांटिस एक काल्पनिक शहर है। इसके बारे में सबसे पहले ग्रीक दार्शनिक प्लेटो ने 400ईसा पूर्व लिखा था। प्लेटो ने इसे एक उन्नत द्वीप सभ्यता बताते हुए वर्णन किया है जिसका विशाल समुद्री साम्राज्य है। प्लेटो के मुताबिक अटलांटिस उनके समय से भी 9 हजार साल पहले था।
समुद्री देवता पोसाइडन का मंदिर
प्लेटो ने कहा कि अटलांटिस इस साम्राज्य के मध्य में था। यहां एक विशाल बंदरगाह की दीवार और विशाल प्रवेश स्तंभथा। इसमें समुद्री देवता पोसाइडन का मंदिर भी था। प्लेटो का ये भी मानना था कि अटलांटिस किसी सुनामी या ज्वालामुखी जैसे प्राकृतिक आपदा में खत्म हो गया। वैज्ञानिकों को आज तक अटलांटिस के होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
अटलांटिस जाने वाली सड़क
विज़र्ड ऑफ ऑज़ में इसी तरह की पीली सड़क देखने को मिलती है। जिस समय शोधकर्ताओं समुद्र में ये पत्थर मिले तो उनमें से एक ने कहा कि ये अटलांटिस जाने वाली सड़क है। वहीं एक ने इसे पीली ईंटो वाली सड़क बताया। लेकिन असल में ये कोई सड़क नहीं है।
चट्टानें उच्च ऊर्जा विस्फोटों के कारण बनी
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये गहरे समुद्र में प्राचीन सक्रिय ज्वालामुखी भूविज्ञान का एक उदाहरण है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ये चट्टानें उच्च ऊर्जा विस्फोटों के कारण बनी हैं जो समुद्र तल पर बन गईं। पिघले हुए पत्थरों को अचानक ठंडा करने पर इस तरह की इंटनुमा आकृति बनी।