कोहिनूर के अलावा भी भारत से यह कीमती चीज़ें लूट ले गए थे अंग्रेज

कोहिनूर के अलावा भी भारत की कुछ ऐसी बेशकीमती चीजें हैं, जिसे अंग्रेज लूटक अपने साथ ले गए हैं।

अमरावती मार्बल्स

लगभग 100 ईस्वी सन् के चूना पत्थर से बने 120 मूर्तियों और शिलालेखों का एक शानदार कलेक्शन है। 1859 में मद्रास से अंग्रेजों की खुदाई के बाद इसे अब ब्रिटिश संग्रहालय, लंदन में रखा गया है, रिपोर्ट द हिंदू। लगभग 140 साल पहले अंग्रेजों द्वारा खुदाई से निकली मूर्तियों को 1859 में मद्रास से ब्रिटेन भेज दिया गया था, जो 30 से अधिक वर्षों से संग्रहालय के तहखाने में रही थीं।

शाहजहां का वाइन कप

सफेद जेड वाइन जैसा दिखने वाला प्याला मुगल साम्राज्य के बादशाह शाहजहां का है, जिसने अपनी प्यारी रानी के सम्मान में ताजमहल बनवाया था। कप को 1657 में मुगल सम्राट शाहजहाँ के लिए चीन, ईरान, यूरोप और भारत से प्रेरणा लेकर बनाया गया था। जार के नीचे कमल फूल की आकृति है और आगे की तरह बकरी और सींग वाला जानवर है। 19वीं सदी में कर्नल चार्ल्स सेटन गुथरी ने इस खूबसूरत वाइन जार को चुराकर ब्रिटेन भेज दिया था। 1962 से इसे लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में रखा गया है।

टीपू टाइगर

लकड़ी का बाघ जिसे एक आदमखोर जानवर के रूप में दिखाया गया है। बाघ यूरोपीय कपड़े पहने सिपाही पर अटैक कर रहा है। दिलचस्प बता तो ये है कि बाघ के अंदर छिपा एक वाद्ययंत्र है, जिसके एक हैंडल को अगर घुमाया जाए, तो वो यंत्र बजने लगेगा। इसमें आपको मरने वाले व्यक्ति की रोने की आवाज आती है और उसके हाथ ऊपर-नीचे होने लगते हैं। इसे विशेष रूप से अंग्रेजों के प्रति टीपू सुल्तान की नफरत को दिखाने के लिए बनाया गया था।

सुल्तानगंज बुद्ध

2 मीटर से अधिक लंबा और 500 किलोग्राम से अधिक वजनी, यह सबसे बड़ी भारतीय धातु की मूर्ति है। करीब 700 वर्षों तक दफन रहने के बाद, 1862 में रेलवे निर्माण के दौरान एक ब्रिटिश रेलवे इंजीनियर ई.बी.हैरिस ने इसकी खोज की थी। आज ये मूर्ती बर्मिंघम म्यूजियम में रखी हुई है।

टीपू सुल्तान की अंगूठी

अंग्रेजों से लड़ते हुए मैसूर के अंतिम राजा की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उन लोग ने टीपू सुल्तान की अंगूठी और तलवार छीन ली थी। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार, विजय माल्या ने इसे 1.57 करोड़ रुपए की नीलामी में खरीदा था, जिसके बाद तलवार 2004 में भारत तो लौट आई, लेकिन नीलाम होने के बाद भी अंगूठी यूके में रखी हुई है। अंगूठी पर देवनागरी लिपि में ‘राम’ अंकित होने की वजह से ये बेशकीमती चीज विवाद में फंस गए थी, जिस वजह से ये आज भी ब्रिटिश म्यूजियम में रखी हुई है।