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भारत में प्रतिवर्ष हजारों व्यक्ति कुत्ते के काटने पर रैबीज रोग के कारण अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। कुत्ते के काटने पर इलाज के सम्बंध में समाज में अनेक प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं। अतः कुछ महत्त्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर उपचार किया जाए तो इस रोग से होने वाली मौत से बचा जा सकता है।

साधारण कुत्ते के काटने पर अंगूर की लकड़ी की राख सिरके में मिलाकर काटे हुए स्थान पर लेप करने से शीघ्र लाभ होता है। कुत्ते के काटने पर लहसुन पीसकर लेप करने से जख्म पकता नहीं। घी, गुड़ और धतूरे का रस दूध में मिलाकर पीने से कुत्ते के काटे विष का नाश होता है।

साधारण कुत्ते के काटने पर घाव पर पिसी हुई लालमिर्च बांधने से कुत्ते का विष नष्ट हो जाता है। पोटेशियम परमेंगनेट का घोल घाव पर लगाने तथा चिरचिटा के 15 पत्ते तथा 7 नग कालीमिर्च पीसकर सुबह-शाम पानी के साथ लेने से कुत्ते का विष शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।

कुत्ते के काटने पर सरसों के तेल में कालीमिर्च पीसकर काटे हुए स्थान पर लेप करने से विष का शमन हो जाता है। कुत्ते के काटे हुए स्थान पर मुर्गे की बीट को पानी में घिसकर लेप करने से लाभ होता है। कुत्ते के काटे हुए स्थान पर धतूरे की जड़, पुनर्नवा की जड़, आक की कली को शहद के साथ पीसकर लेप करने से विष नष्ट हो जाता है।

कड़वी तोरई का गूदा 250 मिली. पानी में 4-5 घण्टे भिगोकर, छानकर पिलाएं। यह प्रयोग पांच दिन तक सुबह-शाम करने से कुत्ते का विष नष्ट होकर दस्त तथा कै रूप में बाहर आ जाता है। कुत्ते के काट लेने पर शहद में समभाग साबुन (देशी) का चूरा मिलाकर, फेंटकर काटे स्थान पर लगाने से विष का प्रभाव खत्म हो जाता है।

कुत्ते के काटने पर गुड़ में पिसी लाल मिर्च मिलाकर गाढ़ा लेप बनाकर काटे स्थान पर लगाने से विष का प्रभाव नष्ट हो जाता है। साथ ही सुबह-शाम 2-2 चम्मच नीम के पत्तों का रस भी पिलाते रहें। जंगली केलों के बीज खाने तथा उसको पीसकर काटे हुए स्थान पर लगाने से पागल कुत्ते के काटने पर लाभ होता है। शहद, प्याज, नमक व अखरोट को पीसकर कुत्ते के काटे स्थान पर बांधने से विष उतर जाता है।

पागल कुत्ते के काटने पर मनुष्य के मूत्र में कुचला फेंटकर काटे स्थान पर लेप करने तथा कुचला पीसकर देशी शराब में फेंटकर एक रत्ती की मात्रा प्रतिदिन खाने से 15 दिन के प्रयोग से जहर उतर जाएगा। पागल कुत्ते के काटने पर कटेली के बीज 20 ग्राम तथा कालीमिर्च 7 नग पीसकर रोगी को पिला दें। उल्टी, दस्त के साथ जहर बाहर आ जाएगा।

पागल कुत्ते के काटने पर 125 ग्राम शुद्ध कुचले का चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने तथा काटे हुए स्थान पर कुचले को घिसकर लगाने से लाभ होता है। पागल कुत्ते के काटने पर साफ ऊनी शाल का छोटा-सा टुकड़ा काटकर गुड़ में रखकर खिलाने तथा घाव को लाल दवा के पानी से धोने पर शीघ्र आराम आ जाता है

लहसुन को सिरके में पीसकर घाव पर लेप करने से पागल कुत्ते का जहर खत्म हो जाता है। धतूरे की जड़ को दूध के साथ पीसकर पीने से जहर खत्म हो जाता है। गुड़, तेल और आक के दूध का लेप बनाकर घाव पर लगाने से कुत्ते काटे का विष उतर जाता है।

1 ग्राम कालीमिर्च, 12 ग्राम लिसौड़े के पत्ते, 125 मिली. पानी में पीसकर 10-15 दिन तक सेवन करने से पागल कुत्ते के काटे में आराम मिलता है। घी क्वार के पत्ते पर सेंधा नमक लगाकर आग पर हल्का गरम करके तीन दिन तक बांधने से विष उतार जाता है।

पागल कुत्ते के काटने पर चौलाई की जड़ को पीसकर पानी के साथ पिलाने से लाभ होता है। काटे हुए स्थान पर चौलाई की जड़ का चूर्ण लेप करने से भी लाभ होता है।