आखिर आलिया-रणबीर ने क्यों लिए 4 ही फेरें, जाने इसके पीछे का कारण

भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी पुरे विधि-विधान (hindu marriage rituals) के साथ की जाती है। भारत में शादी की हर रस्म का एक खास महत्व होता है। 7 फेरें लेके शादी की जाती है। हिंदु धर्म में 7 फेरे (7 rounds of hindu marriage) लेकर शादी की जाती है। हर फेरें के पीछे एक अर्थ होता है। इन फेंरो झरिये पति-पत्नी एक-दूसरे से कुछ वादे करते हैं और उसे ताउम्र निभाने का वचन भी देते है।

कुछ लोग 4 फेरें लेकर करते हैं शादी- हालांकि, कुछ लोग 4 फेरें लेकर शादी करते है। हाल ही में पति-पति बने एक्टर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने 7 नहीं बल्कि 4 फेरे लिए हैं। शादी में 4 फेरे लिए जाने की पुष्टि एक साक्षात्कार में खुद आलिया के भाई राहुल भट्ट ने की है। शादी में 4 फेरे लेने के पीछे भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ धार्मिक मान्यताएं निहित हैं।

क्यों लिया जाते हैं 7 फेरें

पहला फेराः पहला फेरा अपने आराध्य से आशीर्वाद पाने के लिए लिया जाता है। भगवान से ये विनती की जाती है कि वे अपनी कृपादृष्टि होने वाले पति-पत्नी के जीवन पर बनाए रखें।

दूसरा फेरा: पहले फेरे की ही तरह दूसरे फेरे में भगवान से शक्ति मांगी जाती है। पति-पत्नी एकदूसरे का हर मुश्किल घड़ी में साथ देने की कसम खाते हैं।

तीसरा फेरा: माना जाता है कि तीसरा फेरा ताउम्र साथ निभाने का वचन होता है।

चौथा फेरा: पति-पत्नी वचन देते हैं कि अपना दायित्व पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।

पांचवा फेरा: इस फेरे को अनंत काल तक साथ निभाने के वचन के रूप में देखा जाता है।

छठा फेरा: इस फेरे का अर्थ माना जाता है कि पति-पत्नी के प्रति वफादार और प्रतिबद्ध रहेंगे।

सातवां फेरा: सातवें फेरे में पति-पत्नी एक-दूसरे के आजीवन इसी तरह भगवान के आशीर्वाद से साथ रहने का वचन देते हैं और अपनी नई गृहस्थी की शुरुआत के लिए आगे बढ़ते हैं।