हरी सब्जियों में पालक का अपना महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसमें विटामिन ए, बी, सी, लौह तत्त्व और केल्सियम पाए जाते हैं। केल्सियम और विटामिन ‘सी’ ही हमारे शरीर में लौह तत्त्व को पचाते हैं। पालक में कैंसररोधक तत्व भी पाया गया है। पालक में ‘बीटा केरोटिन’ भरपूर मात्रा में पाया जाता है…
पालक खाने से खट्टी डकारों से छुटकारा पाया जा सकता है। मूत्राशय में पथरी होने पर कुलथी और पालक के सूप में नीबू का रस मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है। शरीर के किसी भी भाग में गांउ हो जाने पर दिन में 2-3 बार गरम-गरम पालक की पुल्टिस बांधें।
पालक को पानी में उबालकर छान लें। इस लोशन कोशरीर पर मलने से त्वचा कोमल हो जाती है। पालक और नीम के पत्ते पीसकर फोड़ों पर लगाने से खराब खून और मवाद निकलकर फोड़ा ठीक हो जाता है।
पालक के उबलते रस में समभाग नीबू का रस मिलाकर सिर में लगाने से रूसी और बाल झड़ने की समस्या खत्म हो जाती है। एक कप पालक के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर में रक्त की वृद्धि होने लगती है। साथ ही यह एनीमिया के रोगी के लिए भी लाभदायक है।
पालक के रस से गरारे करने से खांसी, गले की सूजन व फेफड़ों की सूजन में लाभ होता है। नियमित रूप से कच्चा पालक खाने से आंतों की सफाई होकर पाचन शक्ति ठीक होती है। प्रात:काल खाली पेट पालक और गाजर का रस मिलाकर पीने से मसूड़ों से खून आना बंद होता है तथा नेत्र ज्योति बढ़ती है।
कच्चा पालक चबाकर खाने से पायरिया रोग नष्ट होता है। दांत और मसूड़े स्वस्थ बनते हैं तथा दांतों का पीलापन दूर होकर दांत सफेद हो जाते हे एक कप पालक का रस दिन में 3 बार पीने से रक्त विकार दूर होते हैं।
जिससे चेहरे और शरीर पर निखार आता है, रक्त की वृद्धि होती है। और रक्त संचार ठीक होता है। शाम को प्रतिदिन पालक की सब्जी खाने से बहुमूत्रता के रोगियों को शीघ्र लाभ होता है।
पालक पीसकर जले स्थान पर लेप करने से जलन मिटती है तथा फफोले भी नहीं पड़ते। पालक को पानी में उबालकर मसल, छान लें। इस गरम पानी से गरारे करने से गले का दर्द 2-3 दिन में ठीक हो जाता है। कब्जः प्रात: काल एक कप कच्चे पालक का रस पीने से कब्ज दूर होता है।
100 ग्राम बारीक कटे पालक में 2 टमाटर, 2 कली लहसुन तथा एक चुटकी कालीमिर्च डालकर सूप बनाकर पीने से शारीरिक सौंदर्य में वृद्धि होती है। कोई विषैली चीज खा लेने पर पालक उबालकर उसमें अदरक का रस मिलाकर पिलाने से शीघ्र लाभ होता है।
सेब, पालक, गाजर व अमरूद का रस मिलाकर पीने से अनिद्र रोग दूर होता है। एक कप पालक के रस में पिसी कालीमिर्च, भुना जीरा व नीबू का रस मिलाकर एक माह तक सेवन करने से दिल की कमजोरी दूर होती है।
पालक के बीज और पोस्तदाना समभाग लेकर पानी में पीसकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। शरीर में खुजली होने पर पालक के बीज और पोस्तदाना समभाग लेकर पानी में पीसकर इसकी सारे बदन पर मालिश कर बाद में गरम पानी से नहाने से खुजली मिटती है।