शरीर की इन समस्याओं मे फायदेमंद है नारियल तेल का इस्तेमाल, जानिए इसके लाजवाब फायदों के बारे में

नारियल के वृक्ष समुद्र तट के आसपास और दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से केरल, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में खूब उगते हैं। नारियल एक बेहद उपयोगी फल है। नारियल देर से पचने वाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलवर्धक, रक्तविकार नाशक, दाहशामक तथा वात-पित्त नाशक है।

नारियल की तासीर ठंडी होती है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, अग्निप्रदीपक, वीर्यवर्धक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है। सूखे नारियल से तेल निकाला जाता है। इस तेल की मालिश त्वचा तथा बालों के लिए बहुत अच्छी होती है। नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क भी ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।

सूखे नारियल में डायटरी फाइबर होता है, जिससे दिल संबंधी बीमारी नहीं होती है। गरी खाने से शरीर में फाइबर की मात्रा पूरी होती है। सूखा नारियल खाने से दिमाग तेज होता है। गरी खाने से अल्जाइमर जैसी घातक बीमारी होने के चांसेस भी कम हो जाते हैं। बुखार के कारण बार-बार लगने वाली प्यास के इलाज के लिए नारियल की जटा को जलाकर गर्म पानी में डालकर रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो छानकर इसे रोगी को पीने दें। इससे प्यास मिटती है।

आँतों में कृमि की समस्या से निपटने के लिए हरा नारियल पीसकर उसकी एक-एक चम्मच मात्रा का सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नारियल के पानी की दो-दो बूँद सुबह-शाम कुछ दिनों तक नाक में टपकाने से आधा सीसी के दर्द में बहुत आराम मिलता है। सभी प्रकार की चोट-मोच की पीड़ा तथा सूजन दूर करने के लिए नारियल का बुरादा बनाकर उसमें हल्दी मिलाकर प्रभावित स्थान पर पट्टी बाँधें और सेंकें। विभिन्न त्वचा रोगों जैसे खाज-खुजली में नारियल के तेल में नीबू का रस और कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।

स्वस्थ सुंदर संतान प्राप्ति के लिए गर्भवती महिला को 3-4 टुकड़े नारियल प्रतिदिन चबा-चबाकर खाने चाहिए। इसके साथ एक चम्मच मक्खन, मिसरी तथा थोड़ी सी पिसी कालीमिर्च मिलाकर चाटें। बाद में थोड़ी सी सौंफ चबाएँ। इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। पुराने सूजाक और मूत्रकृच्छ में भी इससे आश्चर्यजनक लाभ होता है।

नारियल क्रोहन्स डिजीज के इलाज के लिए एक रामबाण औषधि है। इस बीमारी में रोगी की आँतों में जलन, डायरिया, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्रोहन्स डिजीज के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेराइड्स के समकक्ष नारियल में फाइटोस्टेराल्स नामक समूह तत्व होता है जो क्रोहन्स डिजीज में मुकाबला करता है।

नारियल हमें मोटापे से भी बचाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के भोजन में प्रतिदिन 15 मिग्रा जिंक होना जरूरी है जिससे मोटापे से बचा जा सके। ताजा नारियल में जिंक भरपूर मात्रा में होता है। हैजे में यदि उल्टियाँ बंद न हो पा रही हों तो रोगी को तुरंत नारियल पानी पिलाना चाहिए। इससे उल्टियाँ बंद हो जाती हैं। गर्मी में सभी को नारियल खाना चाहिए। सूखे नारियल को आम बोलचाल की भाषा में गरी भी कहते हैं। गरी या नारियल खाने के बहुत सारे फायदे होते हैं। नारियल खाने से पेट की गर्मी की समस्या से राहत मिलती है और पाचन-क्रिया ठीक रहती है।

इसके अलावा भी सेहत के लिहाज से गरी खाने के बहुत फायदे होते हैं। गरी का इस्तेमाल कुछ पकवानों में भी किया जाता है। इसके अलावा गरी में डायटरी फाइबर, कॉपर, मैग्नीशियम और सेलेनियम के गुण पाए जाते हैं और यही कारण है कि यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
नियमित रूप में गरी का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा व्यक्ति बार-बार बीमार नहीं पड़ता है। अगर किसी पुरुष को इनफर्टिलिटी की समस्या है तो उसके लिए गरी फायदेमंद साबित हो सकती है। अक्सर महिलाओं में खून की कमी के कारण एनीमिया की शिकायत हो जाती है। सूखा नारियल खाने से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है। नारियल खाने से गठिया के दर्द से राहत मिलता है।