यह शक्तिशाली जड़ी बूटी शरीर के सभी प्रकार के दर्द को दूर कर सकती है और कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती है।

नागकेसर एक छोटा पौधा है और आयुर्वेद में इसे लाभकारी माना गया है।नागकेसर को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे नागचंपा, भुजंगख्य, हाम और नागपुष्पा।नागकेसर दक्षिण भारत, पूर्वी बंगाल और पूर्वी हिमालय में अधिक पाया जाता है और गर्मियों के दौरान खिलता है।

नागकेसर एक छोटा पौधा है और आयुर्वेद में इसे लाभकारी माना गया है।नागकेसर को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे नागचंपा, भुजंगख्य, हाम और नागपुष्पा।नागकेसर दक्षिण भारत, पूर्वी बंगाल और पूर्वी हिमालय में अधिक पाया जाता है और गर्मियों के दौरान खिलता है।

नागकेसर के पौधे पर लगाए गए फूलों का आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है और इसकी मदद से कई रोग ठीक हो जाते हैं।नागकेसर शरीर की कमजोरी को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद होता है और इसे खाने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है।नागकेसर पीसी को पीसकर इस चूर्ण का प्रतिदिन सेवन करें।इस चूर्ण को खाने से शरीर में कमजोरी नहीं आएगी।इस चूर्ण को शहद के साथ भी खा सकते हैं।

नागकेसर भी कई औषधीय गुणों से भरपूर है।इसके साथ पपीता, अदरक, काली मिर्च और घी का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु रहता है।इससे संतान की इच्छा भी पूरी होती है।इसके लिए सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर उसमें घी मिलाकर 7 दिन तक लगातार सेवन करें।

गर्भवती होने के लिए नागकेसर को सुपारी के पाउडर में मिलाकर भी खा सकते हैं। यह शारीरिक कमजोरी और विकलांगता को भी दूर करता है। जुकाम होने पर नागकेसर पैन पीसी लें। फिर इस पेस्ट को अपने स्कैल्प पर लगाएं।
इस लेप को लगाने से सर्दी-जुकाम दूर हो जाता है और नाक खुल जाती है।शरीर के किसी अंग में खुजली की शिकायत हो तो नागकेसर के तेल से मालिश करें। नागकेसर का तेल लगाने से खुजली की समस्या दूर होती है और त्वचा मुलायम भी होती है।

नागकेसर को चेहरे की त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है और अगर इसका तेल रोजाना चेहरे पर लगाया जाए तो रंगत में निखार आता है और चेहरे पर नमी हमेशा बनी रहती है। इसलिए खूबसूरत त्वचा पाने के लिए आपको अपने चेहरे पर तेल लगाना चाहिए।

नागकेसर हिचकी रोकने के लिए भी फायदेमंद होता है और इसे खाने से हिचकी आना बंद हो जाती है।अगर आपको ज्यादा हिचकी आती है तो आपको पीले नाग में शहद मिलाकर खाना चाहिए।सांप के काटने पर तुरंत उस पर नाग के पत्ते का लेप लगाएं।नागकेसर के पत्तों का लेप प्रभावित स्थान पर लगाने से विष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
शरीर के किसी अंग में दर्द हो तो उस स्थान पर नागकेसर का तेल लगाएं।केसर के तेल से मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है।दर्द के अलावा चोट लगने पर इस तेल को घाव पर लगाएं।इसके तेल से जोड़ों के दर्द में भी मालिश की जा सकती है।