पहली इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर ब्यूटी-क्वीन के पिता फूट-फूट कर रोए, मां ने रिश्ता भी तोड़ा, देखिये तस्वीरें

दुनिया की पहली अंतरराष्ट्रीय ट्रांसजेंडर ब्यूटी-क्वीन भारत से हैं। इनका नाम नाज जोशी है। उसने 7 अंतर्राष्ट्रीय और 2 राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताएँ जीती हैं। एक फिल्म में काम भी किया है।

यूं तो ये सफर काफी आसान लगता है, लेकिन नाज ने काफी संघर्ष किया है। जब उसका जन्म हुआ तो वह खुश था कि घर में एक पुत्र का जन्म हुआ। हालांकि, परिवार को जल्द ही एहसास हो गया कि वह बेटा नहीं, बल्कि किन्नर है। परिवार के सपने टूट गए और मुंबई में चाचा के घर भेज दिया गया। इधर-उधर चचेरे भाई के दोस्तों ने उसका शारीरिक शोषण किया और फिर उसे अस्पताल में डाल दिया। यहां कुछ किन्नर उसे साथ ले गए। उसके साथ नाता तोड़ने के बाद, उसने एक डांस बार में काम किया और वेश्यावृत्ति में चली गई।

फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद रितु कुमार और रितु बेरी के साथ काम किया। उन्होने मसाज पार्लर में काम किया, लेकिन यहां भी देह व्यापार में काम मिला। अंतत: ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद वह लडकी बन गई। 2012 से 7 अंतरराष्ट्रीय और 2 राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता जीतीं

नाज जोशी की सफलता की कहानी उन्हीं के शब्दों में पढ़ें:

बचपन से ही लड़कियों जैसे शौक थे:

उनका जन्म 31 दिसंबर 1984 को दिल्ली में हुआ था। जन्म के समय डॉक्टर ने उनके माता-पिता से कहा था कि आपके वहां एक बेटा पैदा हुआ है। यह सुनकर परिवार खुश हो गया, क्योंकि वह घर में पहली संतान थी। उनक अंदर बचपन से ही एक लड़की थी।

कई खिताब जीते:

2015 में ट्रांसजेंडर लड़कियों के लिए एक शो लॉन्च किया गया था। उस समय असम, उड़ीसा जैसे दूर के राज्यों से लड़कियां आती थीं। 2016 में जब अमेरिका में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता होनी थी तो मेरे सहायक ने मेरी तस्वीरें भेजीं। जब मैं वहां गई तो पता चला कि ट्रांस के लिए परमिशन नहीं है। मैंने कहा कि हम इतनी दूर से आए हैं, इसलिए वापस नहीं जाएंगे। मैंने उसे बताया कि 2012 में मिस यूनिवर्स ने अपने नियम बदल दिए हैं। यदि आप ट्रांसजेंडर हैं और आपकी सर्जरी हुई है और लोग सोचते हैं कि आप महिला हैं, तो आप भाग ले सकते हैं।

मैं खिताब नहीं जीत पाई, लेकिन मिस रिपब्लिक नेशंस की एंबेसडर बन गई। 2017 में सिंगापुर में भी वह खिताब नहीं जीत पाईं, लेकिन मिस रिपब्लिक इंटरनेशनल ब्यूटी एंबेसडर बनीं। 2017 मिस वर्ल्ड डायवर्सिटी बनीं। प्रतियोगिता दक्षिण अफ्रीका में आयोजित की गई थी। मानुषी छिल्लर ने इस प्रतियोगिता को जीतने से एक सप्ताह पहले प्रतियोगिता जीती थी। मेरी जीत की खुशी किसी मीडिया ने कवर नहीं की।