कई दिनों के इंतजार के बाद भारत और श्रीलंका के बीच मोहाली(Mohali) में पहला टेस्ट मैच(Test Match) खेला जा रहा है। टीम इंडिया ने पहली पारी में 574 रनों का पहाड़ स्कोर बनाया है, इसमें ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने शानदार 175 रनों की पारी खेली। मोहाली में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। टीम इंडिया ने पहली पारी में 574 रन बनाए और आठ विकेट खोकर अपनी पारी घोषित कर दी। भारत की ओर से रवींद्र जडेजा ने 175 रन, ऋषभ पंत ने 96 रनों की पारी खेली।
भारत ने जब अपनी पारी घोषित की, तब रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) बिना आउट हुए ही खेल रहे थे। थे। फैन्स सवाल कर रहे हैं कि कप्तान रोहित शर्मा ने रवींद्र जडेजा को दोहरा शतक पूरा नहीं करने दिया गया।
जब पारी घोषित हुई…
रवींद्र जडेजा(Ravindra Jadeja) ने अपनी पारी में 17 चौके और 3 छक्के जड़े। शतक जड़ने के बाद तो रवींद्र जडेजा ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी थी और तेज़ी से रन बटोरे थे। अगर रवींद्र जडेजा को कुछ और ओवर मिलते, तो वह अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ सकते थे। दूसरे दिन टी से ठीक पहले जब कुछ ही ओवर बचे थे तब कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ड्रेसिंग रूम से बाहर निकले और बाउंड्री के पास आए। वहां बैठे कुलदीप यादव समेत अन्य प्लेयर्स को पारी घोषित करने का मैसेज दिया, ताकि वह ग्राउंड में जाकर रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी को संदेश दे दें। जब पारी घोषित हुई, तब रवींद्र जडेजा 175 रनों पर नाबाद थे और तेज़ी से रन बटोर रहे थे।
पहेले भी एसा हो चुका हे:
आज जब राहुल द्रविड़(Rahul Dravid) टीम इंडिया के कोच(Coach) हैं, तब कप्तान रोहित शर्मा ने रवींद्र जडेजा को लेकर यह फैसला किया और लोगों को फिर पुराने किस्से की याद आई। कई तरह के मीम्स बने कि यह भी कोच राहुल द्रविड़ का ही फैसला रहा होगा।
राहुल द्रविड़, जो पहले भी इसी तरह के फैसले को लेकर विवादों में रह चुके हैं। राहुल द्रविड़ जब टीम इंडिया के कप्तान थे, अब टीम इंडिया के हेड कोच हैं। पाकिस्तान(Pakistan) के खिलाफ 2004 में जब मुल्तान में सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar) 194 पर नाबाद थे, तब राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी। हर कोई उस वक्त हैरान था और ये एक बड़े विवाद की वजह बना था।