इस महिला ने सरकारी नोकरी छोड़ कर,कर रही हे कुच ऐसा दोनों जेब से लुटाती हे पैसे…

ये महिला जो कर रही हे ऐसा काम आज कल के जमाने मे कोई नहीं कर सकता,ये महिला सरकारी नौकरी छोड़कर सिर्फ कुत्तों की मदद करती है। उसे बेजुबान जानवरों की मदद करना बेहद पसंद है। इतना ही नहीं, महिला अपने जेब से रोजाना पैसे खर्च करती है।जिन लोगों को जानवरों से प्यार होता है, वह अपने घर में पालतू जानवर पालना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग अपने घर में कुत्ते पालते हैं और फिर कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अन्य जानवरों को भी पालते हैं। चलिए एक ऐसे ही एनिमल लवर महिला के बारे में बताते हैं, जिसे सड़क के आवारा कुत्तों से प्यार है। गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली झंखना शाह ने जब आवारा कुत्तों की परेशानियों को देखा तो वह बेहद इमोशनल हो गई। न सिर्फ झंखना बल्कि उनके पिता को भी कुत्तों के प्रति लगाव था।

रोजाना आवारा कुत्तों खाना खिलाती है ये महिला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झंखना अन्य लोगों की तरह खुद भी आवारा कुत्तों को खाने के लिए रोटी, बिस्किट व दूध देती थी। हमने सड़कों पर ध्यान दिया होगा कि कुछ जख्मी व अपंग कुत्ते भी होते हैं, उनके लिए खाना ढूंढकर खा पाना आसान नहीं होता। उनके लिए झंखना मदद को सामने आई और ऐसे कुत्तों के लिए खाने का बंदोबस्त करना शुरू कर दिया। 45 वर्षीय झंखना ने ऐसे कुत्तों के प्रति ज्यादा प्यार दिखाना शुरू किया। इसके पीछे एक किस्सा है। झंखना को कुछ साल पहले एक कुत्ते को देखा, जिसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी।

ये घटना से अब ये काम कर रही हे

कुत्ते की टूटी हुई हड्डी को देखकर वह बेहद इमोशनल हो गई और फिर उसका इलाज करवाया। इस घटना के बाद से झंखना जब भी जख्मी कुत्तों को देखती तो उनका इलाज करवाती और फिर खाने का इंतजाम करती। इस तरह से झंखना को लोग बेहद पसंद करने लगे। नेक काम को देखकर सभी उनकी सराहना करते हैं।

उसके पैरेंट्स भी दे रहे हे साथ

अब वह अपना पूरा जीवन इसी काम में लगा दिया। झंखना को इस काम के लिए उसके पैरेंट्स भी सपोर्ट करते हैं। वह एनजीओ से भी जुड़ी हुई हैं। अपनी नौकरी छोड़कर सिर्फ कुत्तों को खाना खिलाने पर लग गई। बताया जाता है कि वह रोजाना करीब 130 कुत्तों को खाना खिलाती हैं और महीने भर में करीब 20 हजार रुपए खर्च कर देती हैं। वह पिछले 21 साल से कुत्तों की मदद कर रही हैं।