यह अस्थमा, एलर्जी, बुखार, अपच, गैस जैसी 50 से अधिक बीमारियों में दवा से भी ज्यादा कारगर है।

घरेलू जड़ी- बूटियों से बनाई जाने वाली हर्बल चाय को आप घर में भी आसानी से बना सकते हैं हर्बल चाय में कोलेस्ट्रॉल, फाइबर और शुगर नहीं होती है, जबकि विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा सही होती है।

आजकल की व्यस्त और अनियमित जीवनशैली के कारण बहुत से लोग कम उम्र से ही मोटापे का शिकार होने लगे हैं। बढ़ते मोटापे के कारण हृदय रोग से लेकर मधुमेह तक, कई समस्याएं हो सकती हैं।
वजन घटाने और मोटापा कम करने के लिए ग्रीन टी को काफी लाभदायक माना जाता है।

ग्रीन टी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैलोरी को जलाने और वजन को कम करने के लिए मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक करता है। हर्बल टी में एनाल्जेसिक हर्ब्स होते हैं। ये हर्ब्स उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, जिन्हें अक्सर बेचैनी होती हो या शरीर में दर्द बना रहता हो।

कई बार किसी गंभीर चोट, सर्जरी, किसी बीमारी या बुखार के कारण लोगों के शरीर में लंबे समय तक दर्द की शिकायत बनी रहती है। इलाज के बावजूद यह दर्द बना रह जाता है। अगर आप भी ऐसे किसी दर्द से परेशान हैं तो हर्बल टी आपके लिए किसी औषधि का काम कर सकती है।

स्पेशल एनाल्जेसिक चाय बनाने के लिए चाय ऑलस्पिस कैमोमाइल, नलगिरी और कवा रूट चाय का उपयोग किया जा सकता है। हर्बल टी अनिद्रा की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है। कैमोमाइल का उपयोग कर हर्बल टी बनाये और सेवन करे आपकी नींद न आने की समस्या कुछ दिन में समाप्त होने लगेगी।

हमारे शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बीमारी और संक्रमण से रक्षा करती है। यदि यह कमजोर हो जाये तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और साथ ही मनुष्य बीमार पड़ने लगता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर्बल टी का उपयोग करना चाहिए।

इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है और कई तरह के मिनरल्स मौजूद है जो शरीर को शक्तिशाली बनाते है और रोगो से बचाते है। जुकाम, साइनस, जोड़ो के दर्द, शरीर को ठंडक पहुंचने, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने, सर दर्द, कब्ज, मोटापा, तनाव,आदि में हर्बल टी यानि आयुर्वेदिक काढ़ा रामबाण है।
हर्बल चाय में गुड़हल की चाय का भी काफी महत्व है।

यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद मानी जाती है। गुड़हल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करते हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।

अगर उच्च रक्तचाप की समस्या शुरुआती चरण में हो तो गुड़हल की चाय से उससे निजात पाई जा सकती है। गुड़हल की चाय उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही पाचन में सुधार करती है, लीवर को स्वस्थ रखती है और कैंसर के खतरे को भी कम करती है।

लंबे समय तक इसका सेवन करने से वजन भी कम हो सकता है।हर्बल टी में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जिनसे अंदरूनी और बाहरी तौर पर शरीर की सफाई की जा सकती है। शरीर में मौजूद अशुद्धियों को इसके सेवन से काफी हद तक दूर किया जा सकता है। इससे त्वचा का संक्रमण खत्म होता है और वह त्वचा स्वस्थ भी होती है।

अगर नियमित तौर पर हर्बल चाय का सेवन किया जाए तो मुंहासों की समस्या से भी निजात पाई जा सकती है। यह सोरायसिस और एक्जिमा का ट्रीटमेंट करने में भी फायदेमंद है। त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पहाड़ी पुदीना , ग्रीन टी और कैमोमाइल टी जैसी हर्बल चाय का सेवन किया जा सकता है।