मां के अंतिम संस्कार में विदेश से नहीं आए दो बेटे, पिता ने ट्रस्ट को दान कर दी सारी संपत्ति

पिता ने अपनी सारी संपत्ति ट्रस्ट को दान कर दी थी, इसलिए उनके दोनों बेटों ने संपत्ति हासिल करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. संपत्ति से बेदखल हुए बेटों ने अपना हक पाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी है. लिहाजा हाईकोर्ट ने निजी ट्रस्ट को नोटिस जारी किया है और पावर ऑफ अटार्नी जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद शहर के सेटेलाइट एरिया में रश्मिकांतभाई ठक्कर अपनी पत्नी निमाबेन के साथ अकेले रहते थे. जबकि आयकर कार्यालय में उच्च पद से सेवानिवृत्त हुए रश्मिकांतभाई के दोनों बेटे ब्रिटेन में बस गए। साल 2018 में रश्मिकांतभाई की पत्नी निमाबेन किडनी की बीमारी की वजह से बिस्तर पर पड़ गईं. इस बीच रश्मिकांतभाई ने यूके में रह रहे दोनों बेटों को मां से मिलने के लिए कहा. हालांकि वह अपनी मां से मिलने भारत नहीं आए।

जिसके बाद साल 2019 में निमाबेन का निधन हो गया। इसलिए दोनों बेटों को मां के अंतिम संस्कार में आने को कहा। लेकिन कोई नहीं आया। इसलिए रश्मीकांतभाई ने सारी संपत्ति अपने दोस्त के बेटे किशोर ओदेदारा को देने का फैसला किया, जो रश्मिकांतभाई और उनकी पत्नी की सेवा कर रहा था। लेकिन किशोरी ने संपत्ति लेने से इनकार कर दिया। इसलिए रश्मिकांतभाई ने अपनी मृत्यु के बाद सैटेलाइट में बंगला और सीजी रोड पर स्थित कार्यालय जाति ट्रस्ट को दान करने का फैसला किया। जबकि किशोरी को नगदी व जेवरात भेंट किए। उन्होंने पावर ऑफ अटार्नी बनवाई थी।

जब दो साल बाद रश्मिकांतभाई का निधन हुआ तो उन्होंने अपनी वसीयत के अनुसार अपना बंगला और कार्यालय ट्रस्ट को दे दिया जैसा कि उन्होंने पहले से तय किया था। उनकी मृत्यु के बाद जब दोनों बेटे यूके से भारत आए तो उन्हें पता चला कि उनके पिता ने सीजी रोड स्थित बंगला और ऑफिस जाति ट्रस्ट को दान कर दिया है। उसके पिता ने उसे एक पाई भी नहीं दी। लिहाजा दोनों बेटियां संपत्ति हड़पने के लिए हाईकोर्ट पहुंची हैं.