दुनिया की रहस्‍यमयी फुन्दूजी झील, जिसका पानी पीने से हो जाती हे मोत….

दुनिया में कई तरह के रहस्य हैं। ऐसा ही एक रहस्य दक्षिण अफ्रीका स्थित झील के बारे में भी है। यह झील दिखने में जितनी खूबसूरत है, वहीं, इसका पानी पीने से लोग कतराते हैं। कहते हैं, इसका पानी पीने से लोगों की मौत हो जाती है।

केप टाउनः ये धरती कई रहस्यों को समेटे हुई है। यहां के पहाड़, नदी, झील आदि के बारे में जानने योग्य कई ऐसी बातें हैं, जिसके बारे में इंसान कुछ भी पता नहीं कर पाया है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इन रहस्यों के बारे में इंसानों ने जानने की कोशिश नहीं की, लेकिन उनके हाथों हमेशा निराशा ही हाथ लगी। आज हम एक ऐसी ही रहस्यमयी झील के बारे में बताने जा रहे हैं।

दुनिया में हजारों की तादाद में झीलें मौजूद हैं, लेकिन इनमें से कुछ ऐसी हैं, जिनके रहस्य के बारे में आज तक इंसान नहीं जान पाया है। यह रहस्यमयी झील दक्षिण अफ्रीका के लिंपोपो राज्य में है। इसे लोग फुन्दूजी झील के नाम से जानते हैं।यह झील देखने में तो काफी सुंदर है और इसका पानी भी काफी साफ है, लेकिन जो इसका पानी एक बार पी ले, कहते हैं कि इसके बाद फिर मौत उसे अपने आगोश में ले लेती है।

बताया जाता है कि इस झील का निर्माण प्राचीन काल में भूस्खलन के कारण हुआ था। जिसने मुटाली नदी के प्रवाह को रोक दिया था। वहीं, अब तक यह एक रहस्य बना हुआ है कि ऐसा क्या है कि इसके पानी को पीने से मौत हो जाती है। झील के बारे में एक स्थानीय कहानी भी है। इसके मुताबिक, प्राचीन काल में इस जगह पर एक कोढ़ी व्यक्ति लंबा सफर करके आया था। उसके जब स्थानीय लोगों से खाना और रहने के लिए जगह मांगी, तो उसे यह नहीं दिया गया। इसके बाद उस कोढ़ी ने लोगों को श्राप दिया और झील में जाकर गायब हो गया।

कहा जाता है कि झील के अंदर से डूबे हुए लोगों के रोने और ड्रम बजने की आवाज आती रहती हैं.स्थानीय लोग यह भी कहते हैं कि इस झील की रक्षा पहाड़ों पर विशालकाय अजगर करता है। यह अजगर स्थानीय लोग को नुकसान न पहुंचाए, इसलिए उसे प्रसन्न करने के लिए हर साल यहां के लोग नृत्य उत्सव का आयोजन करतें हैं। इसमें कुंवारी लड़कियां डांस करती हैं।

बताया जाता है कि 1946 में एंडी लेविन नाम के एक व्यक्ति ने झील के रहस्य को जानने की कोशिश की थी। वह पानी की सच्चाई का पता लगाने के लिए यहां आया था। उसने झील से थोड़ा पानी लिया और आसपास के कुछ पौछे लिए और चल दिया। कुछ देर चलने के बाद वह रास्ता भटक गया। जब तक उन्होंने पानी और पौधे फेंक नहीं दिए, तब तक उनको रास्ता नहीं मिला। हालांकि, घटना के कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई थी।