इंटरपोल अशरफ गनी को गिरफ्तार किया? अफ़ग़ानिस्तान का पैसा चुराने का आरोप

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है। तालिबान ने जिस रफ्तार से अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उससे हर देश हैरान है। भारत, अमेरिका, कतर, उज्बेकिस्तान, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, जर्मनी जैसे कई देशों ने घोषणा की है कि वे अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता नहीं देंगे।

हालांकि, चीन, जो दूसरों को शांति का पाठ पढ़ाता है, उसे तालिबान से ज्यादा कोई समस्या नहीं है, जो बंदूक की भाषा बोलता है। चीन पहले ही साफ कर चुका है कि वह तालिबान को मान्यता देने के मूड में है लेकिन वजह क्या है? तालिबान के पिछले शासन को चीन ने मान्यता नहीं दी थी, लेकिन इस बार दोनों अपनी दोस्ती को मजबूत करते दिख रहे हैं।
अशरफ गनी 15 अगस्त को अफगानिस्तान से भाग गया था। इसके तुरंत बाद, तालिबान ने राजधानी काबुल सहित राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा था कि वह देश में रक्तपात और तबाही को रोकने के लिए देश छोड़ रहे हैं। मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि अशरफ गनी अफगानिस्तान से भागते हुए कई गाडिय़ों में सवार होकर पैसे ले चुका है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने नियमों का हवाला देते हुए खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास ने अपने कार्यालय से अशरफ गनी की तस्वीरें हटा दी हैं और अमरुल्ला सालेह की तस्वीरें पोस्ट की हैं और अमरुल्ला सालेह वर्तमान में आधिकारिक कार्यकारी अध्यक्ष हैं।