जीवन में चाहिए सुख-शांति तो गांठ बांध लें आचार्य चाणक्य की ये 5 बातें

आचार्य चाणक्य भारत के एक महान विचारक रहे हैं| उनकी लिखी और बताई गई बातें आज भी लोगों को दिशा दिखाती है| उन्होंने मानव जीवन को लेकर उसके बारेमे काफी तथ्य बताए है| सदियों पहले आचार्य चाणक्य ने जो कहा था वो आज भी बहुत प्रासंगिक है| जिंदगी हर एक मोड़ पर हमें आचार्य चाणक्य की बताई गई बातें काम आती है|

आज की इस भाग-दोड़ भरी ज़िंदगी में हर किसी को उनकी नीतियों को जरूर पढ़ना चाहिए और उसे अमल में भी लाना चाहिए| इसका असर ये होगा कि आपका जीवन पहले से भी बेहतर हो जाएगा| आज के समय में व्यक्ति के पास शांति का बहोत ही अभाव हे| वो चाहकर भी शांति नहीं पा सकता है| हालांकि चाणक्य ने कुछ ऐसी बातें बताईं हैं, जो आपकी ज़िंदगी में सुख-शांति ला सकती हैं| आपको बताई जा रही बातों को ध्यान से पढ़ने और अमल करनेकी आवश्यकता है| आइए जानते हैं इस बारे में चाणक्य ने क्या कहा है|

सुख-शांति का संबंध हमारे भोजन से भी है| खान-पान ठीक और पौष्टिक न हो तो हमारा तन और मन दोनों ही अशांत हो जाते हैं| इसके लिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कभी भी ऐसी वस्तु का सेवन न करें जिससे कि आपकी पाचनक्रिया खराब हो जाए| अतः जो चीज आपके शरीर को अनुकूल नहीं हे उसे खाना नहीं चाहिए| इससे आपकी तबीयत भी बिगड़ सकती है|

हर कोई व्यक्ति चाहे वो छोटा हो या बड़ा हो, अमीर हो या गरीब हो, हर कोई व्यक्ति सम्मान की आशा रखता है| सबको समान अधिकार भी है कि वह सम्मान पाए| हालांकि कई बार ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती है कि कोई व्यक्ति अपमान का पात्र बन जाता है| कभी कभी सभा में भी किसी का अपमान हो जाता है| आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें ऐसे जगह पर कभी नहीं जाना चाहिए जहां हमे सम्मान न मिलता हो| ऐसे स्थान को जितनी जल्दी छोड़ दे उतना बेहतर होता है| ऐसा न करने पर मन में अभाव पेदा होता है| साथ ही हम भीतर ही भीतर घूंटने लगते हैं।

तीसरी ध्यान रखने योग्य बात ये है की कभी भी अपने जीवन में अहंकार को जगह न दें| कोई भी स्थान पर या कोई भी लोगों के सामने कभी भी खुद के भीतर अहंकार या घमंड को पनपने न दें| खासकर अपने परिवार और दोस्‍तों के बीच तो घमंड के साथ कभी पेश न हो| ऐसा करने पर उल्टा आपको ही नुकसान होगा और आपके रिश्ते-नातों में कड़वाहट पैदा हो जाएगी|

आचार्य ने एक ओर बात बताई है, जो एक-दो बार समझाने पर समझ जाए उसके साथ समय जरुर बिताए| लेकिन बार-बार कहने पर भी जो गलत काम करें ऐसे व्यक्ति को तुरंत छोड़ दे| क्योंकि उससे आपको कुछ फायदा नहीं है उल्टा आपका समय ही व्यर्थ चला जाएगा| अतः आप अपना कीमती समय किसी नासमझ को समजाने में बर्बाद न करें|

सच के रास्तेपे चलने वालों का हमेशा साथ दें| वहीं जो जूठे लोगोका साथ छोड़ दें| आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आप जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो सच सुनकर नाराज हो जानेवाले व्यक्ति के पीछे समय खराब न करें या उसे न मनाए जिसमें सच सुनने की हिम्मत न हो| ऐसे लोग झूठे होते हैं और आपके लिए हानिकारक भी हो सकते हैं|