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सोना-चांदी छोड़कर लोग यहां क्यों कर रहे हैं गायों में निवेश, यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे

<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">जिम्बाब्वे इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। दक्षिण अफ्रीका के इस देश में महंगाई अपने चरम पर है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जून में यहां महंगाई दर 192 फीसदी पर पहुंच गई थी&period; जो उच्चतम है। इसका एक कारण यूक्रेन-रूस युद्ध है। युद्ध के कारण घरेलू आवश्यकताओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक&comma; बैंकों में निवेशकों ने दो दशकों में अपनी बचत खो दी है। ऐसे में लोगों के पास निवेश के कई विकल्प नहीं बचे हैं। यहां भी बैंकों की हालत खराब हो गई है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">ऐसे में लोग सुरक्षित निवेश के मौके तलाश रहे हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जिम्बाब्वे का यह हाल रातोंरात नहीं हुआ। पिछले दो दशकों में महंगाई में बड़ा बदलाव आया है। देश की करेंसी पर से लोगों का भरोसा अब खत्म हो गया है&period; ऐसे में देश में लोग ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां उनका पैसा सुरक्षित हो।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">लोग हड़बड़ी में गाय खरीदते हैं<br &sol;>&NewLine;डॉयचे वेले ने सिल्वरबैंक एसेट मैनेजर्स के सीईओ टेड एडवर्ट्स के हवाले से कहा है कि जिम्बाब्वे में खराब हालात के बीच लोग मवेशियों में निवेश कर रहे हैं। मुद्दा यह है कि गायों में निवेश करना एक सुरक्षित विकल्प है। उनकी कंपनी मवेशियों पर आधारित यूनिट ट्रस्ट है। उनका कहना है कि कुछ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां मवेशियों में निवेश करके पैसा बनाने का पारंपरिक तरीका लेकर आई हैं। उदाहरण के लिए&comma; एडवर्ड्स कंपनी ने मोनबे मारी नाम से एक यूनिट ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट फंड बनाया है। जिसमें लोग स्थानीय मुद्रा का उपयोग निवेश करने के लिए भी कर सकते हैं। उनका कहना है कि महंगाई के इस चलन में गायों में निवेश लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है&period; पिछले कुछ सालों में महंगाई का खामियाजा मवेशियों में निवेश पर भी पड़ा है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">मवेशियों में निवेश से मिलता है &&num;8216&semi;ब्याज&&num;8217&semi;<br &sol;>&NewLine;यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जिम्बाब्वे की एक बड़ी आबादी पशुचारण पर निर्भर है। इस तरह यह उनकी जमा राशि है। यहां के किसानों का मानना &ZeroWidthSpace;&ZeroWidthSpace;है कि मवेशियों में निवेश करना उनके लिए कभी घाटे का सौदा साबित नहीं हुआ। पशुओं से दूध&comma; गोबर आदि मिलता है। कीमत बढ़ने पर इन्हें बेचने का भी विकल्प है। महंगाई के बीच भी मवेशियों का खर्चा बना रहता है। इसके साथ ही प्रजनन के बाद भी मवेशियों की कीमत बढ़ जाती है। यानी हर साल औसतन एक बछड़ा पैदा होता है। जो ब्याज के समान है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">चांदी से बेहतर विकल्प है सोना<br &sol;>&NewLine;किसानों का मानना &ZeroWidthSpace;&ZeroWidthSpace;है कि सोने-चांदी के मुकाबले मवेशियों में निवेश बेहतर विकल्प है। चूंकि मवेशियों की कीमत ज्यादा प्रभावित नहीं होती है&comma; इसलिए दूध-गोबर से भी कमाई होती है और ब्याज के तौर पर बछड़ों या बछिया भी देती है। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार&comma; जिम्बाब्वे के सकल घरेलू उत्पाद में पशुधन का 35 से 38 प्रतिशत हिस्सा है।<&sol;p>&NewLine;

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