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हीट वेव का मतलब क्या होता है? जानिए कब होता है कोनसा अलर्ट, गर्मी के बारे में A TO Z

<p>गुजरात इस समय भीषण गर्मी से तप रहा है। तब हम आमतौर पर पूछते हैं कि हीट वेव क्या है और गर्मी में दिया जाने वाला येलो-रेड अलर्ट क्या होता है। तो चलिए इसके बारे में सब कुछ जानते है।<&sol;p>&NewLine;<p><strong>हीट वेव किसे कहते हैं&quest;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<p>मैदानी क्षेत्रों में हवा का तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस हो&comma; पहाड़ी क्षेत्रों में यह 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है&comma; तो इसे हीट वेव कहा जाता है।<&sol;p>&NewLine;<p><strong>किस तापमान को कौन सा अलर्ट कहा जाता है<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>व्हाइट अलर्ट 41 डिग्री सेल्सियस से कम होता है जो सुरक्षित है<&sol;li>&NewLine;<li>येलो अलर्ट 41&period;1 से 43&period;3 डिग्री सेल्सियस होता है जो गरम होता है<&sol;li>&NewLine;<li>ऑरेंज अलर्ट 43&period;3 से 44&period;9 डिग्री सेल्सियस होता है जे गर्मी की चेतावनी वाले दिन होता हैं<&sol;li>&NewLine;<li>रेड अलर्ट 45 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा होता है जो बहोत गर्म दिन होता हैं<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>भीषण गर्मी में क्या-क्या कदम उठाने की जरूरत है।<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल उपलब्ध कराना<&sol;li>&NewLine;<li>दोपहर में बगीचों को खुला रखना ताकि लोगों को छाया मिल सके<&sol;li>&NewLine;<li>स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस के पैकेट तैयार रखना जरूरी<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>हीटवेव से सबसे ज्यादा प्रभावित कौन होता है&quest;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>छोटे बच्चे और अकेले रहने वाले बुजुर्ग<&sol;li>&NewLine;<li>सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने वाले लोग<&sol;li>&NewLine;<li>मानसिक रूप से बीमार लोग अधिक प्रभावित होते हैं<&sol;li>&NewLine;<li>दिल&comma; किडनी कैंसर और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोग<&sol;li>&NewLine;<li>कमजोर लोग हीटवेव से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>हीटवेव के लक्षण क्या हैं&quest;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>गर्मी के कारण- हीट स्ट्रोक- हीट थकावट<&sol;li>&NewLine;<li>शरीर पर दाने दिखाई देते हैं<&sol;li>&NewLine;<li>गर्मी या पसीने के संपर्क में आने से होता है संक्रमण<&sol;li>&NewLine;<li>गर्मी में कसरत करने से मांसपेशियों में दर्द के साथ खिंचाव<&sol;li>&NewLine;<li>सामान्य कमजोरी सिरदर्द के साथ आती है<&sol;li>&NewLine;<li>स्ट्रोक न होने के बावजूद बेहोश हो जाना<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>कैसे करें इलाज&quest;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>रोगी को गर्मी के जोखिम से दूर करें<&sol;li>&NewLine;<li>शारीरिक गतिविधि बंद करे<&sol;li>&NewLine;<li>बाहर से शीतलन प्रक्रिया शुरू करें<&sol;li>&NewLine;<li>ठंडे पानी में भिगोए हुए तौलिये का प्रयोग करें<&sol;li>&NewLine;<li>आइस पैक को गले में रखें<&sol;li>&NewLine;<li>ठंडे पानी के शॉवर से भी नहाएं<&sol;li>&NewLine;<li>शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम हो तो हर 5 मिनट में चेक करें और ओआरएस लेते रहे<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>अत्यधिक गर्मी की स्थिति में क्या करें<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>दोपहर 1 से 3 बजे के बीच धूप में न निकलें<&sol;li>&NewLine;<li>बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ रखें<&sol;li>&NewLine;<li>मौसम के हाल की जानकारी रखे<&sol;li>&NewLine;<li>बंद गाड़ी में बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें<&sol;li>&NewLine;<li>जहां तक &ZeroWidthSpace;&ZeroWidthSpace;हो सके घर या ऑफिस में रहें<&sol;li>&NewLine;<li>बेवजह धूप में बाहर जाने से बचें<&sol;li>&NewLine;<li>आउटडोर खेल या गतिविधियों को स्थगित करें<&sol;li>&NewLine;<li>नियमित अंतराल पर संतुलित और हल्का आहार लें<&sol;li>&NewLine;<li>प्यास न लगने पर भी खूब पानी पिएं<&sol;li>&NewLine;<li>गर्म मौसम में कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचना चाहिए<&sol;li>&NewLine;<li>ऐंठन&comma; हृदय&comma; किडनी&comma; लीवर के रोगियों के लिए चिकित्सीय सलाह लें<&sol;li>&NewLine;<li>अधिकतम शरीर ढकने वाले कपड़े ढीले होने चाहिए<&sol;li>&NewLine;<li>वजन में हल्के और हल्के रंग के पहनें<&sol;li>&NewLine;<li>गहरे रंग के कपड़े न पहनें क्योंकि ये सूरज की किरणों को सोख लेते हैं<&sol;li>&NewLine;<li>सिर और चेहरे की सुरक्षा के लिए टोपी पहनना<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;<p><strong>किचन की गर्मी में क्या न करें&quest;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<ul>&NewLine;<li>खाना बनाते समय किचन की खिड़कियां और दरवाजे खुले रखे<&sol;li>&NewLine;<li>दूध और मावे के प्रयोग से बचें<&sol;li>&NewLine;<li>ताजे पके भोजन का ही प्रयोग करें<&sol;li>&NewLine;<li>शराब&comma; चाय&comma; कॉफी या अन्य मादक पेय पदार्थों का प्रयोग न करें<&sol;li>&NewLine;<li>मसालेदार&comma; बासी&comma; तले हुए और उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों से बचें<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;

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