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ताज होटल बनाने के पीछे है खास वजह, जानेंगे तो करेंगे जमशेदजी ताता को सलाम

<p>टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा भारत के सबसे बड़े उद्योगपति माने जाते थे जिन्होंने देश में कई उद्योग खोले और जमशेदपुर शहर भी बसाया। उद्योग जगत पर उनके प्रभाव को देखते हुए ही उन्हें भारतीय उद्योगों का पिता कहा जाता था।<&sol;p>&NewLine;<h5>वन मैन प्लानिंग कमीशन<&sol;h5>&NewLine;<p>यहां तक कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तो उन्हें &OpenCurlyQuote;वन मैन प्लानिंग कमीशन’ कहा था। उनके समूह के ताज होटल पूरे संसार में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। ताज होटल खोलने के पीछे एक कहानी भी है।<&sol;p>&NewLine;<h5>पारसी पादरियों के वंश में पहले व्यापारी<&sol;h5>&NewLine;<p>जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को गुजरात के नवसारी में हुआ था। उनके पिता नौशरवांजी पारसी पादरियों के वंश में पहले व्यापारी थे। 14 साल की उम्र में ही जमशेदजी अपने पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाने लगे थे। एल्फिस्टन कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उनका विवाह हो गया और पढ़ाई पूरी करने के बाद व्यवसाय से पूरी तरह से जुड़ गए थे।<&sol;p>&NewLine;<h5>नागपुर में रुई का कारखाना खोला<&sol;h5>&NewLine;<p>जमशेदजी ने एक तरह से भारत में व्यवसाय की दुनीया को ही बदल कर रख दिया था। पहले उन्होंने दिवालिया तेल की कारखाने को खरीद कर उसे रुई की फैक्ट्री में बदला और उससे मुनाफा कमाना शुरू किया। नागपुर में रुई का कारखाना खोला और उसके बाद नागपुर में ही कॉटन मिल भी खोलने का साहसिक कदम उठाया।<&sol;p>&NewLine;<h5>अपने श्रमिकों का विशेष ध्यान रखते थे<&sol;h5>&NewLine;<p>आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े निर्माता के तौर पर जाने जाते थे। बाद में स्टील के उद्योग में उन्होंने विशेष नाम कमाया। जमेशदजी में एक खास विशेषता थी वे दूरदर्शी होने केसाथ अपने श्रमिकों का विशेष ध्यान रखते थे और नए विचार या तरीके को अपने में कभी संकोच नहीं कर करते थे।<&sol;p>&NewLine;<h5>राष्ट्रवादी और क्रांतिकारी नेताओं से भी संबंध थे<&sol;h5>&NewLine;<p>उनकी श्रम नीतियां अपने समय से बहुत ही आगे की मानी जाती रहीं। उनके फिरोजशाह मेहता और दादाभाई नौरोजी जैसे राष्ट्रवादी और क्रांतिकारी नेताओं से भी संबंध थे। वे आर्थिक स्वतंत्रता को ही राजनैतिक स्वतंत्रता का आधार मानते थे।<&sol;p>&NewLine;<h5>विश्व प्रसिद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना करना चाहते थे<&sol;h5>&NewLine;<p>जमशेदजी के 3 प्रमुख सपने थे वे अपने एक लोहे और स्टील की कंपनी खोलना चाहते थे। इसके साथ ही वे एक विश्व प्रसिद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना करना चाहते थे। इसके अलावा एक चलविद्युत परियोजना की भी स्थापना करना। लेकिन इन तीनों को सपनों को साकार होते नहीं देख सके थे। लेकिन इन सभी के लिए वे एक बहुत मजबूत आधार बना कर जरूर छोड़ गए थे।<&sol;p>&NewLine;<h5>यूरोप के होटलों में भी भारतीयों के साथ भेदभाव<&sol;h5>&NewLine;<p>इसके अलावा जमशेदजी ने एक सपना और देखा था। वे होटल ताजमहल खोलना चाहते थे और इस सपने को वे अपनी आंखों के सामने पूरा होते देख सके। अंग्रेजों के शासन में ही नहीं बल्कि यूरोप के होटलों में भी भारतीयों के साथ भेदभाव किया जाता था। बड़े बड़े होटलों में हिंदुस्तानियों के प्रवेश पर प्रतिबंध था। उन्हें अंग्रेजों के एक बड़े होटल वाट्सन होटल में प्रवेश करने नहीं दिया गया था क्योंकि वे भारतीय थे।<&sol;p>&NewLine;

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