Ajab Gajab

इस त्योहार में लोग अपने शरीर में धारदार धातु लगाते हैं!

<p>थाईपुसम नामक त्योहार भारत में तमिल समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है। भारत विविधताओं का देश है। यहां कई चौंकाने वाली चीजें हैं जो पता चलने पर हमें हैरान कर देती हैं। जितने भी धर्म&comma; समुदाय&comma; जातियां हैं&comma; उनसे जुड़ी मान्यताएं और त्यौहार हैं जो उनके लिए बेहद खास हैं।<&sol;p>&NewLine;<h5>थाईपुसम त्योहार तमिल समुदाय द्वारा मनाया जाता है<&sol;h5>&NewLine;<p>ऐसा ही एक त्योहार दक्षिण भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें लोग अपने शरीर में अनार धातु डालते हैं। थाईपुसम नामक यह त्योहार भारत में तमिल समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है।<&sol;p>&NewLine;<h5>मुरुगन की जीत की याद में मनाया जाता है त्योहार<&sol;h5>&NewLine;<p>थाई तमिल कैलेंडर के अनुसार एक महीना है और यह जनवरी और फरवरी के बीच पड़ता है और पूसम एक तारे का नाम है। थाईपुसम उत्सव के दौरान यह तारा सबसे ऊपर होता है। यह त्योहार तमिल लोगों द्वारा भगवान मुरुगन की जीत की याद में मनाया जाता है।<&sol;p>&NewLine;<h5>कई देशों मे मनाया जाता है थाईपुसम<&sol;h5>&NewLine;<p>आपको जानकर हैरानी होगी कि यह त्यौहार सिर्फ तमिलनाडु में ही नहीं बल्कि केरल&comma; थाईलैंड&comma; श्रीलंका&comma; मलेशिया&comma; सिंगापुर आदि में भी मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान मुरुगन के सम्मान में मनाया जाता है। आपको बता दें कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मुरुगन शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय हैं।<&sol;p>&NewLine;<h5>हथियार सौंपने का दिन थाईपुसम<&sol;h5>&NewLine;<p>माता पार्वती ने कार्तिकेय को सुरपदामन नामक राक्षस को नष्ट करने के लिए एक हथियार दिया&comma; जिससे उसने उसका वध किया। हथियार सौंपने का दिन थाईपुसम के रूप में मनाया जाता है। जो लोग त्योहार से 2 दिन पहले इसे मनाते हैं&comma; वे तैयारी शुरू कर देते हैं।<&sol;p>&NewLine;<h5>लोग अपना सिर भी मुंडवाते हैं<&sol;h5>&NewLine;<p>त्योहार के दिन वे कांवड़ जैसी चीजों को लेकर भगवान के मंदिर जाते हैं&comma; जिसे कावड़ी कहते हैं। इस दिन वे अपना सिर भी मुंडवाते हैं। कई लोग इससे भी आगे जाते हैं और धातु को अपने गालों पर या शरीर के किसी भी हिस्से की त्वचा पर लगाते हैं।<&sol;p>&NewLine;<h5>दर्द के साथ वह मुरुगन को याद करते हैं<&sol;h5>&NewLine;<p>इस दर्द के साथ वह मुरुगन को याद करते हैं। जब वे मंदिर पहुंचते हैं&comma; तो शरीर से धातु निकाल दी जाती है और फिर वहां गर्म राख डाल दी जाती है। इस तरह घाव वाली जगह से खून नहीं बहता है।<&sol;p>&NewLine;

Team Hindustan Coverage

Recent Posts

क्या 5 साल से कम उम्र के बच्चों का भी लगेगा ट्रेन टिकट ? जानिए क्या है हकीकत

भारतीय रेलवे की मदद से रोजाना लाखों लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा…

2 years ago

जानिए कौन हैं भगवान शिव की पुत्री अशोक सुंदरी ? कैसे हुआ था अशोक सुंदरी का जन्म ?

सावन महीने की शुरूआत हो चुकी है । इस महीने में भगवान शिव की विशेष…

2 years ago

फिर से बदली जा सकती है स्मार्टफोन की बैटरी! जानें इसके फायदे और नुकसान

एक समय था कि जब हम स्मार्टफोन में बैटरी बदल सकते थे। लेकिन स्मार्टफोन ब्रांड…

2 years ago

चंद्रयान-3 आज होगा लॉन्च, जानिए कैसे देख सकते हैं चंद्रयान की उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO आज चंद्रयान-3 मिशन को आज यानी 14 जुलाई को लॉन्च करने…

2 years ago

सावन का पहला सोमवार आज, जाने पूजन की विधि और महत्व

सावन मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना गया है, और भगवान शिव…

2 years ago

इस शहर मे टमाटर बिक रहे है मात्र 35 रुपये प्रति किलो! जाने क्या है कारण

भारत मे इन दिनों टमाटर के दाम आसमान छु रहे है। लोग टमाटर के दामों…

2 years ago